“Self-sufficient Bihar – Modi’s message” “आत्मानिर्भर बिहार – मोदी का पैगाम “

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“भाइयो और बहनो, एक तरफ NDA है, आत्मनिर्भर बिहार बनाने का संकल्प लेकर खड़ा है। दूसरी तरफ ये लोग हैं जो बिहार की विकास परियोजनाओं के पैसों पर jiनजरें गड़ाए हुए है। याद रखिए, NDA यानी भाजपा, JDU, हम पार्टी और VIP, इनके सभी प्रत्याशियों को आपका एक-एक वोट जो मिलने वाला है,वो बिहार को aqतेज गति देगा,बिहार को नई ताकत देगा,बिहार को आत्मनिर्भर बनाएगा। NDA को पड़ा आपका हर एक वोट बिहार को फिर से बीमार होने से बचाएगा”– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन शब्दों ने शानदार ढंग से,बिहार में मतदाताओं की मनोदशा को अभिव्यक्त किया है।बिहार की जनता के उत्साह को,संकल्प को,और बिहार के प्रति समर्पण को,मोदी ने आदरपूर्वक प्रणाम करते हुए,एनडीए सरकार की उपलब्धियों को गिनायll

कुछ दिन पहले पटना में एनडीए की साझा प्रेस कांफ्रेंस में जारी किया गया,भाजपा का रिपोर्ट कार्ड। रिपोर्ट कार्ड में एनडीए सरकार की उपलब्धियों को दिखाया गयाl अयोध्या में राम मंदिर की नींव के साथ ही,जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर,और मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति दिलाकर,मोदी सरकार ने अपने वैचारिक पृष्ठभूमि को नया आयाम दिया है। ऐसे फैसले लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एनडीए सरकार,विचारधारा से कोई समझौता नहीं कर सकती। रिपोर्ट कार्ड में कहा गया कि 2775 किमी एनएच को फोरलेन बनाया गया। गांव की हर गली-नली का निर्माण और पक्की सड़कों का जाल बिछाया गया।आजादी के 58 वर्षों तक गंगा नदी पर चार पुल थे। 15 वर्षों में 13 नए पुलों में दो बन गए,तो आठ निर्माणाधीन व तीन प्रस्तावित हैं। 2005 से पहले कोसी पर दो पुल थे जो अब छह,और गंडक पर तीन थे तो अब चार नए पुल निर्माणाधीन व प्रस्तावित हैं। कोसी महासेतु पर रेल का परिचालन होने से मिथिलांचल का निर्बाध जुड़ाव हुआ। 150 वर्षों के बाद कोईलवर पुल के समानांतर छह लेन पुल का निर्माण कार्य प्रगति में है,जिसमें दो लेन अगले दो महीने में चालू हो जाएगा।

सभी घरों तक बिजली कनेक्शन देने,ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 18-22 घंटे,और शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली देने के साथ ही,किसानों को साढ़े छह रुपए प्रति यूनिट के बदले 65 पैसे प्रति यूनिट बिजली देने का बहुत बड़ा काम एनडीए ने किया है। “हर घर नल का जल” योजना से 1.62 करोड़ परिवारों को नल से शुद्ध पेयजल मिल रहा है।इस योजना का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि को जाना चाहिए।बच्चों के खाते में पैसा और

शिक्षा की उपलब्धियों,दी गई हैं।एक से आठ वर्ग तक के 1.81 करोड़ छात्रों को 3261 करोड़ छात्रवृति की राशि सीधे खाते में दी गई। 1.29 करोड़ बच्चों के खाते में मध्याह्न भोजन योजना के तहत 378 करोड़ दिए गए।

भाजपा का यह नारा, ‘कोई नहीं है प्रवासी,सब हैं सिर्फ बिहारवासी’,सिर्फ एक नारा नहीं है,बल्कि बिहार को मुख्यधारा के साथ एकीकृत करने के मोदी सरकार के प्रयासों को दर्शाता है। भाजपा ने जारी रिपोर्ट कार्ड में कहा है कि कोरोना काल में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से नकद और खाद्यान्न के लिए 30 हजार करोड़ की राशि दी गई। इसके अलावा राज्य के बाहर फंसे करीब 21 लाख बिहारियों के बैंक के खाते में 1000 रुपये प्रति व्यक्ति की सहायता राशि के तौर पर 203 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। यह भी बताया गया कि 20 लाख से अधिक गरीब लोगों को 1600 सौ से ज्यादा ट्रेनें चलाकर मुफ्त में उनके घरों तक पहुंचाया गया और प्रति व्यक्ति 5300 रुपये खर्च किए। सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू कर मजदूर भाइयों को उनके ही क्षेत्र में रोजगार देने के लिए बिहार के 32 जिलों में,योजना की शुरुआत की गई है।

एनडीए सरकार के नेतृत्व में,बिहार में,8.1 करोड़ से अधिक गरीबों को 8 महीने के लिए छठ पूजा तक,प्रति व्यक्ति,40 किलो मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा,1. 61 करोड़ राशन कार्ड धारकों को प्रति परिवार 1000 रुपये, 2.8 करोड़ महिला जनधन खाताधारियों को 1500 रुपये की मदद, 84.4 लाख गरीब महिलाओं को 3 महीने तक डेढ़ करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर और 36.64 करोड दिव्यांग,विधवा,वृद्ध को प्रति व्यक्ति 1000 की राशि,दी गई है।

कोरोना पीड़ित लोगों के उपचार की व्यवस्था के लिए कई कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं।बिहार में चार प्रमुख अस्पताल कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में काम कर रहे हैं,जिनमें कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की व्यवस्था और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। प्रत्येक प्रखंड तक,कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा,एनडीए सरकार की ओर से,गरीबों के लिए गांव और पंचायत स्तर तक बड़े पैमाने पर साबुन, सेनिटाइजर,मास्क जैसे सभी आवश्यक वस्तुएं मुफ्त में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही कोरोना काल में आए बाढ़ प्रभावित 21 लाख परिवारों को राहत देने के लिए एनडीए सरकार ने 1260 करोड़ का प्रावधान किया है,जिसमें प्रति परिवार को 6000 रुपये की आर्थिक सहायता मदद दी जा रही है।

महिला सशक्तिकरण और,पिछले 15 साल की एनडीए सरकार में,प्रत्येक घर में बिजली का कनेक्शन पहुंचा दिया जाना,कोई छोटी सी बात नहीं है। कृषि के लिए बिजली कम दर पर उपलब्ध कराई गई है। बिहार की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी का आरक्षण दिया गया। जीविका के माध्यम से 10 महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर,राज्य की 1.20 करोड़ परिवार के लोगों को आर्थिक रूप से मदद पहुंचाया गया। इसके अलावा,मातृ वंदना योजना के तहत 10 लाख महिलाओं के तहत प्रति महिला 5000 रुपये की वित्तीय सहायता दी गई।

आत्मनिर्भर बिहार के तहत,युवाओं के लिए योजना,

हाई एजुकेशन के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एक लाख से अधिक छात्रों को 1191 करोड़ का ऋण,सस्ते ब्याज दर पर उपलब्ध कराया गया है। आजादी के 58 साल बाद तक बिहार में सिर्फ तीन सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज थे, अब सभी 38 जिलों में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाए गए हैं। इसके अलावा,बिहार के सभी जिलों में महिला आईटीआई और जी.एन.एम संस्थान और सभी अनुमंडल में आईटीआई और एएनएम संस्थान भी चलाए जा रहे हैं। इसके साथ MBBS डॉक्टर, A ग्रेड की नर्स समेत स्वास्थ्य विभाग में कुल 14000 नई नियुक्तियां की गई हैं। मेडिकल की पढ़ाई के लिए तीन मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं और 11 मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। बिहार में अब तक 54 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जिसमें से दो लाख से अधिक लोगों का मुफ्त इलाज किया जा चुका है।

“बिहार की पवित्र भूमि पर मैं राजा सल्हेश, वीर शिरोमणि बाबा चौहरमल, राह बाबा और गौरैया बाबा को भी नमन करता हूं।बाबा चौहरमल और तमाम संत जनों के आशीर्वाद से ही ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’,आज देश के विकास का आधार है।” साथियो, महा कवि विद्यापति ने इस क्षेत्र के लिए एक बार मां सीता जी से प्रार्थना की थी और विद्यापति जी ने मां सीता जी से कहा था–“जनम भूमि अछि मिथिला सम्हारु हे माँ;कनि आबि अपन नैहर निहारु हे माँ।” विद्यापति जी ने तब के मिथिला की स्थिति पर मां से यह आग्रह किया था। अब आज हम देखें तो बीते 15 वर्षों में बिहार नितीश जी के नेतृत्व में बहुत आगे बढ़ा है। आज मां सीता अपने नैहर को तो प्रेम से निहार ही रही होगी। अयोध्या पर भी आज यहां नजर अवश्य होगी। सदियों की तपस्या के बाद अब आखिरकार अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। वो सियासी लोग जो बार-बार हमें तारीख पूछा करते थे,बहुत मजबूरी में अब वो भी तालियां बजा रहे हैं। मां सीता के इस क्षेत्र में आकर मैं यहां के लोगों को राम मंदिर निर्माण की बहुत-बहुत बधाई देता हूं,क्योंकि आप उसके प्रमुख हकदार हैं”l हाल ही में एक चुनावी रैली के दौरान,इन शब्दों के साथ,प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहारियों के दिमाग पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ाl

आत्मनिर्भर बिहार का जो संकल्प एनडीए सरकार ने  लिया है,उस पर वो और तेजी से आगे बढ़ेंगे। दरभंगा में एम्स बनने से मिथिलांचल को बहुत बड़ी सुविधा मिलेगी। दरभंगा एम्स के लिए 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा मंजूर किए गए हैं।एम्स बनने से यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तो मिलेंगी ही, मेडिकल की पढ़ाई की सीटें भी बढ़ेंगी।इसी तरह सॉफ्टवेयर पार्क बनने से भी यहां के प्रतिभाशाली युवाओं को टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में अधिक से अधिक अवसर मिल रहे हैं। दरभंगा में एयरपोर्ट की आधुनिक सुविधाएं मिलने से पूरे मिथिलांचल की कनेक्टिविटी और सशक्त होगी।

रामायण सर्किट का अहम हिस्सा होने के कारण मिथिलांचल में पर्यटन, तीर्थाटन की संभावनाओं का विस्तार होगा। आत्मनिर्भर बिहार में उद्योगों के लिए नए अवसर बनेंगे, युवाओं के लिए रोजगार-स्वरोजगार के अवसर बनेंगे।गरीबों के लिए जो 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है, उसका लाभ भी  के युवाओं को मिल रहा है। इसके साथ ही सरकार ने दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े भाई बहनों के लिए आरक्षण को जो अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया है, वो भी यहां के नौजवानों के लिए लाभकारी है।मिथिलांचल की कनेक्टिविटी को पीएम पैकेज से भी बहुत ताकत मिल रही है। पीएम पैकेज के तहत बिहार के गांवों में हज़ारों किलोमीटर की सड़कों पर काम हुआ है।55 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक बिहार के रोड नेटवर्क पर खर्च किए जा रहे हैं। दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी की आपस में रोड कनेक्टिविटी ठीक करने के लिए सड़कों पर तेजी से काम चल रहा है। दरभंगा-समस्तीपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण का लाभ भी इस क्षेत्र को होगा।इससे 300 किलोमीटर की दूरी 20-22 किलोमीटर तक सिमट गई है। अब 8 घंटे की यात्रा सिर्फ आधे घंटे में ही पूरी होने लगी है।पहले के भ्रष्ट RJD शासन पर सीधा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा–“पहले के समय, जो लोग सरकार में थे, उनका मंत्र रहा है,”पैसा हजम, परियोजना खत्म।उन्हें कमीशन शब्द से इतना प्रेम था,कि कनेक्टिविटी पर कभी ध्यान ही नहीं दिया”l अवसरवाद की विपक्ष की राजनीति की निंदा करते हुए मोदी ने दोहराया  की–“ये वो लोग हैं जिनके राज में बिहार में अपराध इतना फला-फूला कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया था। ये वो लोग हैं जो किसान कर्जमाफी का बात करके, कर्जमाफी के पैसे में भी घोटाला कर जाते हैं। ये वो लोग हैं जो नौकरी देने के काम को करोड़ों रुपए कमाने का जरिया मानते हैं। इसलिए इनसे सावधान रहिए, सतर्क रहिए”l

अपने करिश्माई अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी ने मिथिलांचल के गुणों का बखान करते हुए कहा–“मिथिलांचल के लिए तो कहा ही जाता है कि-पग पग पोखर माछ मखान;

मधुर बोल मुस्की मुख पान;विद्या वैभव शांति प्रतीक;

विद्यपतिक डीह ई मिथिला थीक”l “ऐसे में पान-माछ-मखाना, इन सबमें आत्मनिर्भर भारत को ताकत देने की बहुत बड़ी संभावना,इस क्षेत्र में है। समस्तीपुर तो एक प्रकार से देश में कृषि, पशुपालन और मत्यस्य पालन से जुड़ी रिसर्च का हब बन चुका है।डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी से लेकर जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने जो सपने देखे थे,वो अब पूरे होते दिख रहे हैं।डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है। मत्स्य संपदा योजना के तहत इस क्षेत्र के अनेक जिलों में मछली के उत्पादन से लेकर चारे तक के अनेक प्रोजेक्ट शुरु किए गए हैं। जब करोड़ों का निवेश यहां होगा, युवा उद्यमियों को आर्थिक मदद मिलेगी, तो बड़ी मात्रा में नए रोज़गार तैयार होंगे।फसल हो, दूध हो, सब्जी हो, मछली हो, कोशिश ये है कि बिहार के अलग-अलग जिलों में जो बेहतरीन उत्पाद पीढ़ियों से उपजते हैं या तैयार होते हैं, उनसे जुड़े उद्योग लगाए जाएं। इसके लिए ज़रूरी सुविधाएं गांवों में तैयार की जा रही हैं”l

गांवों में भंडारण और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड बनाया गया है।

गांव में इन सुविधाओं के लिए निवेश बढ़े इसके लिए जरूरी कानूनी सुधार किए गए हैं। छोटे किसानों को बिचौलियों के चंगुल से बाहर निकालकर कृषि उत्पादक संघों- FPOs से संगठित किया जा रहा है। ऐसे ही FPOs और दीदियों के समूह, भंडारण की सुविधाओं से लेकर कृषि उद्योगों तक को,चलाने वाले हैं।बिहार के युवा उद्यमियों,स्टार्ट अप्स के लिए भी,अनेक अवसर,एनडीए सरकार के द्वारा,कृषि सुधारों के जरिये,बनाए जा रहे हैं।

3 नवंबर, 2020 को सीमांचल,दूसरे चरण में मतदान करेगा।सीमांचल के चार जिलों – पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया,की आबादी लगभग 1 करोड़ है।बिहार के राज्यव्यापी 17% औसत के मुकाबले,इन जिलों में औसतन 47% मुसलमान हैंlसीमांचल अपनी आबादी में मुसलमानों के बड़े अनुपात के कारण,वोटों के ध्रुवीकरण को देखेगा।उदाहरण के लिए,किशनगंज में 68% मुस्लिम आबादी है।है। AIMIM झूठे भ्रम में है कि

ओवैसी की AIMIM पार्टी,अहम भूमिका निभाएगी। लेकिन बिहार के लोग जागरूक और स्मार्ट हैं। ओवैसी जैसे मुसलमानों ने मुसलमानों के लिए बहुत कम काम किया है और केवल,मुस्लिम बिरादरी को धार्मिक आधार पर बांटा है।पिछले 6 वर्षों में,राष्ट्रीय स्तर पर,प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, 3. 2 करोड़ से अधिक मुस्लिमों को छात्रवृत्ति दी गई है और 22000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। सीमांचल क्षेत्र के पशमण्ड जैसे पिछड़े मुस्लिम समुदाय को मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं से अत्यधिक लाभ हुआ है। RJD के तहत साक्षरता दर नगण्य थी, लेकिन एनडीए की समावेशी योजनाओं के कारण, सीमांचल में साक्षरता दर आज 54% है।

ग्रामीण रोजगार पैदा करने और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए, एमएसएमई मंत्रालय खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) और कॉयर बोर्ड के माध्यम से,प्रधान मंत्री मोदी की सरकार के योजनाओं को लागू कर रहा है।प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है, जो नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना और केवीआईसी, राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (केवीआईबी) के माध्यम से ग्रामीण और देश के शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए है।सीमांचल क्षेत्र के कई मुस्लिम ग्रामीण कारीगरों को 25% ग्रामीण सब्सिडी और,15% शहरी सब्सिडी से, मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया है।है।इसलिए, NDA को सीमांचल के चार जिलों से वोट मिलने की उम्मीद,सही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “सबका साथ, सबका विकास और,सबका विश्वास” का नारा, महज एक नारा नहीं है। यह नारा प्रधान मंत्री मोदी के शासन मॉडल का मूल है,जिसने गरीबों तक,विकास का लाभ पहुँचाया है।बिमारू से,एक जीवंत राज्य बनने के लिए, बिहार ने एक लंबा सफर तय किया है। बिहार को आत्मानिर्भर बनाने का श्रेय,भारत के सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समावेशी विकास एजेंडा नीतियों और,एनडीए सरकार द्वारा बिहार में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को जाता है।

संजू वर्मा एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैंl

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