Learn from them – a woman IPS who is doing double duty! इनसे सीखें-एक महिला आईपीएस जो कर रहीं हैं डबल ड्यूटी !

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महाराष्ट्र में नासिक की एसपी डॉ. आरती सिंह जी एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं । 2006 बैच की आईपीएस डॉ आरती सिंह जी का नक्सलियों से लोहा लेने का मामला हो या अब लॉकडाउन में लोगों की मदद करने का हो केअभी पीछे नही हटी । सुपरकॉप आईपीएस महिला पुलिस अधिकारी लोगों की मदद को हमेशा तैयार रहती हैं। उन्होंने ऐलान कर रखा है कि किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है । लोग उन्हें कभी भी कॉल कर सकते हैं । डॉ. सिंह इस विकट परिस्थिति में डबल ड्यूटी कर रही हैं । वे कानून व्यवस्था तो बखूबी संभाल ही रही हैं, जरूरत पड़ने पर लोगों का हेल्थ चेकअप भी कर लेती हैं । उन्हें अच्छे से मालुम है कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति कैसे जागरूक किया जा सकता है । डॉ. आरती ने अपने स्टाफ को भी बोल रखा है कि कोरोना के लक्षण दिखें, तो घबराएं नहीं, जब भी जरूरत हो सीधे उन्हें कॉल करें। एसपी वॉकी-टॉकी के जरिये लगातार अपने स्टाफ के संपर्क में हैं। वे लोगों के बीच जाकर भी संवाद कर रही हैं।

कौन है डॉ. आरती सिंह

डॉ आरती सिंह जी मूलत: यूपी के मिर्जापुर की रहने वाली हैं। इन्होंने पहले एमबीबीएस करके वाराणसी के सरकारी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी थीं। दूसरे प्रयास में ये 2004 में यूपीएससी क्लियर करके IPS बनीं। आरती लॉक डाउन को प्रभावी बनाने कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। बता दें कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना से मौत का आंकड़ा 100 पार कर चुका है। वहीं, संक्रमितों की संख्या 1574 हो चुकी है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर स्त्री रोग विशेषज्ञ से की थी। लेकिन उनका लक्ष्य सिविल सर्विसेस ज्वाइन करना था। नक्सल प्रभावित गढ़चिरोली जिले के भामरागढ़ में डीएसपी के रूप में डॉ. आरती सिंह ने उल्लेखनीय कार्य किया था। भंडारा में पोस्टिंग के दौरान डॉ. आरती सिंह ने फरवरी 2013 में एक गांव में हुए तीन नाबालिग बहनों की मौत के रहस्य से पर्दा उठाया था। आरती सिंह कहती हैं कि पुलिसवालों को भी सॉफ्ट स्किल सीखने की जरूरत है। लोगों से बातचीत करने का तौर-तरीका बदलना होगा। डॉ. सिंह खुद को फिट रखने योगा करती हैं।

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