Humanity shamed – pregnant woman died in the rounds of hospitals, could not get treatment: मानवता शर्मसार-गर्भवती महिला का अस्पतालों के चक्कर काटते-काटते मौत, नहीं मिल सका इलाज

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नोएडा। देश मेंकोरोना ने उथल पुथल कर रखा है। इस कोरोना काल में गरीबों और बेसहारों के लिए समय काटना मुश्किल होता जा रहा है। सभी के सामने कई समस्याएं हैं लेकिन इन सबके बीच इलाज न मिलने के कारण एक महिला की मौत की कहानी सामने आई जिसे सुनकर दिल भर जाना लाजमी है। एक गर्भवती महिला ने इलाज समय पर न मिलने के कारण दम तोड़ दिया। सारा दिन गर्भवती महिला को लेकर उसके परिवार वाले अस्पतालों केचक्कर काटते रहेलेकिन किसी अस्पताल में उन्हें जगह नहीं मिल पाई। घटना नोएडा की है। नोएडा के आजाद विहार खोड़ा कालोनी में रहने वाले बिजेंद्र सिंह की पत्नी नीलम को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गए जिसके बाद पति बिजेंद्र सिंह अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल गए लेकिन कई अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद भी नीलम को किसी भी अस्पताल में भर्ती नही किया गया, नतीजतन अजन्मे बच्चे और मां की मौत एम्बुलेंस में ही हो गयी। वही पीड़ित पति का कहना है कि सुबह तड़के नीलम को प्रसव पीड़ा शुरू हो गए हालांकि महिला का इलाज पहले से ही जिला अस्पताल में चल रहा था लेकिन कोरोना टाइम में कुछ परेशानी आने की वजह से नीलम का इलाज प्राइवेट अस्पताल “शिवालिक” में कराना पड़ा, इसी वजह से नीलम को पहले शिवालिक अस्पताल में ले गए जहां से उन्हें बेड न होने का हवाला देकर खजिला अस्पताल भेज कर दिया गया ,लेकिन जिला अस्पताल में भी महिला को भर्ती नही किया गया इसी तरह से पीड़ित अपनी पत्नी को लेकर इस अस्पताल से उस अस्पताल के चक्कर लगाता रहा लेकिन किसी भी अस्पताल में नीलम को भर्ती नही किया गया। जब पीड़ित थक हार कर दोबारा जिम्स अस्पताल पहुंचा और रिक्वेस्ट करने पर जब महिला को भर्ती किया गया तब तक गर्भवती महिला की मौत हो चुकी थी। महिला के पति ने सरकार से गुहार लगाई है कि अस्पताल प्रशासन पर इस दुर्व्यवहार को लेकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि जो आज उनके साथ हुआ है कल किसी और के साथ न हो।

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