Deaf Geeta’s tears are not stopping: मूक-बधिर गीता के आंसू नहीं थम रहे, बोली खोया अपना अभिवाक

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इंदौर। चार साल पहले सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान से भारत लौटी मूक-बधिर युवती गीता को एक मां की तरह संरक्षण दिया था। आज जब गीता को सुषमा स्वराज के निधन की खबर के बाद वह इतनी भावुक हुई कि उसके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। अपनी मौन भाषा में ही गीता ने कहा कि उसने आज अपने अभिभावक को खो दिया है। इशारों में कहा कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के गुजर जाने से उसने अपनी अभिभावक को खो दिया है, क्योंकि उसकी खैरियत के बारे में वह “एक मां की तरह” हमेशा चिंता करती थीं। गलती से सीमा लांघने के कारण गीता करीब 20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गई थी। स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण ही वह 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थी। इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही गैर सरकारी संस्था “मूक-बधिर संगठन” के आवासीय परिसर भेज दिया गया था। तब से वह मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इसी परिसर में रहकर पढ़ाई कर रही है। परिसर के छात्रावास के वॉर्डन संदीप पंडित ने ‘पीटीआई-भाषा को बताया, “स्वराज के निधन की खबर गीता को बुधवार सुबह दी गई। वह तब से बेहद दु:खी है और रोए जा रही है। हम उसे ढांढ़स बंधा रहे हैं।

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