ममता को एक और झटका, हाईकोर्ट ने कहा, एनएचआरसी की रिपोर्ट सही 

0
444
mamta banerjee
mamta banerjee
आज समाज डिजिटल
कोलकाता। विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फिर झटका लगा है। कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस आई पी मुखर्जी ने चुनाव बाद हुए जघन्य अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्णय से सहमति व्यक्त की और अपने अलग से लिखे फैसले में कहा कि मानव अधिकार आयोग द्वारा गठित समिति के पास पांच न्यायाधीशों की पीठ के आदेश के तहत ही जांच करने और एकत्र किए गए तथ्यों को पेश करने का अधिकार था। उन्होंने  जनहित याचिकाओं पर पीठ द्वारा पारित फैसले से सहमति जताते हुए कहा, समिति के खिलाफ दुराग्रह से ग्रसित होने के आरोप में दम नहीं है क्योंकि अदालत ने न केवल समिति की रिपोर्ट पर विचार किया बल्कि उसके बाद अधिवक्ताओं के तर्क और दलीलों पर भी गौर की। जनहित याचिकाओं में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा की स्वतंत्र जांच कराने और पीड़ितों को मुआवजा देने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने दुष्कर्म, दुष्कर्म की कोशिश और हत्या जैसे जघन्य अपराधों की सीबीआई जांच तथा बंगाल में चुनाव के बाद कथित हिंसा के अन्य मामलों की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी के गठन का आदेश दिया है। अपनी टिप्पणियों में न्यायमूर्ति मुखर्जी ने कहा कि निर्वाचन आयोग की दलीलें बिल्कुल सही हैं कि चुनाव कराना उसका काम है लेकिन प्रशासन चलाना सरकार का काम है। उन्होंने कहा, मेरी राय में निर्वाचन आयोग सैद्धांतिक रूप से सही है, लेकिन यह भी सही है कि निर्वाचन आयोग ने प्रशासन को प्रशासनिक ड्यूटी में लगे अधिकारियों का तबादला करने और उन्हें उस समय उसके निर्देशों के अनुसार तैनात करने के लिए कहा था जब वह चुनाव का प्रभारी था। उन्होंने कहा, अगर चुनाव के परिणामस्वरूप अपराध हुए तो यह निर्वाचन आयोग का कर्तव्य है कि वह कम से कम प्रशासन को शिकायतें दर्ज करने का निर्देश या सलाह दे जो उसने नहीं किया।
SHARE