सीमा विवाद के बीच सुरक्षा की स्थिति पर चीन के साथ चर्चा करेंगे नौसेना के कमांडर

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पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर बुधवार को बैठक करने वाले हैं। इस दौरान लद्दाख में सीमा पर स्थिति और चीन की सेना की गतिविधियों का जवाब देने के लिए की जा रही सैनिकों की तैनाती और तैयारियों पर चर्चा की जाएगी। नौसेना की यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब विवाद हल करने के लिए सैन्य वार्ताओं के कई दौर होने के बावजूद चीन लद्दाख में फिंगर एरिया, डेपसांग और गोगरा में पीछे हटने को तैयार नहीं है।

पूरे देश में अभियान के तहत तैनाती के साथ चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नौसेना विशेष मानक अपना रही है। सूत्रों ने बताया कि नौसेना मलक्का जलडमरूमध्य से हिंद महासागर क्षेत्र की ओर चीनी सेना की गतिविधियों पर करीबी नजर रखने के लिए जल्द से जल्द स्वायत्त पनडुब्बियां और मानवरहित सिस्टम और सेंसर प्राप्त करने और तैनात करने की योजना बना रही है। नौसेना किसी भी हालात से निपटने के लिए खुद को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार नौसेना के सूत्रों ने कहा, ‘नौसेना का शीर्ष नेतृत्व कमांडरों की कॉन्फ्रेंस में मुलाकात करेगा। यहां वह चीन की आक्रमकता और उन कदमों पर चर्चा करेगा जिनकी हिंद महासागर क्षेत्र में और देश के जलक्षेत्र में चीन की स्थिति को जांचने के लिए नौसेना को उठाने की जरूरत है।’ इस कॉन्फ्रेंस में नौसेना प्रमुख के साथ पश्चिमी नौसेना कमांडर वाइस एडमिरल अजीत कुमार और पूर्वी नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल अतुल जैन भी शामिल होंगे।

इसके साथ ही नौसेना जिबूती क्षेत्र में मौजूद चीनी जहाजों को लेकर भी पूरी सतर्कता बरत रही है और तैयारी कर रही है। भविष्य में कभी भी संकट का सबब बन सकने वाली इस समस्या से निपटने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए नौसेना ने आस-पास के क्षेत्र में अपने जहाजों की तैनाती भी की है। सूत्रों ने बताया कि नौसेना ने एक अहम एयरबेस पर अपने मिग-29के लड़ाकू विमान भी तैनात किए हैं जहां वह मैदान और पहाड़ी इलाकों में अभियान को अंजाम देने का अभ्यास कर रहे हैं।

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