Kerala First State Eliminating Extreme Proverty (आज समाज), तिरुवनंतपुरम: दक्षिण भारत का केरल अत्यधिक गरीबी खत्म करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सूत्रों के अनुसार सामाजिक और सरकार की भागीदारी से केरल ने अपने यहां अत्यंत गरीबी समाप्त कर दी है और यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला केरल देश के साथ दक्षिण एशिया का भी पहला राज्य होगा। इसकी आधिकारिक घोषणा एक नवंबर को की जाएगी।

अत्यंत गरीब के मानक के आगे कई काम किए

मुख्यमंत्री (CM) पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जिन लोगों की आमदनी 158.10 रु. प्रतिदिन से कम है, वे अत्यंत गरीब की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने बताया कि केरल ने इस मानक से आगे भोजन, इनकम, स्वास्थ्य और आवास को आधार बनाकर इसे ‘मानवीय गरिमा’ नाम दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसमें सामाजिक संगठनों की सहायता अभूतपूर्व रही।

2021 में की ‘मानवीय गरिमा’ पहल की शुरुआत

सीएम पिनराई विजयन के अनुसार सरकार ने वर्ष 2021 में इस पहल (मानवीय गरिमा) की शुरुआत की और इसके तहत 14 जिलों में 1300 सर्वेयर लगाए गए। सीएम ने कहा कि वार्ड व ग्राम सभाओं में मोबाइल ऐप के साथ विस्तृत सर्वेक्षण के माध्यम से इंटरव्यू लिए गए और इस तरह 1,03,099 अत्यंत गरीब लोगों की पहचान की गई। मुख्यमंत्री के अनुसार इनमें 81 फीसदी ग्रामीण इलाकों में 68 प्रतिशत लोग अकेले रहते थे। इसके अलावा 24 प्रतिशत लोगों को स्वास्थ्य दिक्कतें समस्याएं थीं।

सर्वेक्षण व मोबाइल के जरिये लिए इंटरव्यू

मुख्यमंत्री ने बताया कि सर्वेक्षण व मोबाइल के जरिये इंटरव्यू के दौरान मिले आंकड़ों के आधार पर हमारी सरकार ने 73 हजार माइक्रो प्लान तैयार किए और हर नागरिक की जरूरत के मुताबिक उसे मदद प्रदान की। इस सख्त व्यवस्था के तहत कोट्टायम जिले से शुरूआत हुई, जहां 978 माइक्रो योजनाएं बनाई गर्इं। नतीजतन 4,394 परिवारों को इनकम के साधन मिले और 29,427 लोगों को स्वास्थ्य सहायता व दवाएं उपलब्ध करवाई गर्इं। 5,354 परिवारों के घरों में सुधार करवाया गया, वहीं 1338 को जमीन दी गई। इसके अलावा 3,913 लोगों को नए घर मिले।

कोट्टायम की 63 वर्षीय स्वर्णम्मा जैसी कई विधवा…

कोट्टायम (Kottayam) की 63 वर्षीय स्वर्णम्मा (Swarnamma) जैसी कई विधवा व निर्धन परिवारों का जीवन इस योजना (मानवीय गरिमा) से बदल गया। सभी को जमीन, आर्थिक मदद व घर बनाने में मदद दी गई। इस पहले से केरल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सरकारी निगरानी व सामाजिक साझेदारी से गरीबी जैसी चुनौतियों को भी मात दी जा सकती है।

स्वर्णम्मा को दिए 10 लाख रुपए

स्वर्णम्मा ने अपना पूरा जीवन किराए गए घर में व्यतीत किया। जिला प्रशासन की टीम एक दिन उनके घर पहुंची और उन्हें घर बनाने व बचत करने के लिए 10 लाख रुपए दिए। स्वर्णम्मा ने 6 लाख रुपए में 3 सेंट (1306 वर्ग फीट) जमीन खरीदी है जहां अब घर बन रहा है। स्वर्णम्मा जैसे केरल में 64 हजार स्वर्णम्मा जैसे परिवारों के 1.03 लाख लोग और हैं, जिन्होंने अत्यंत गरीबी में जीवन गुजारा है और राज्य सरकार के प्रयासों से अब उनका जीवन बदल गया है।

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