कहा, विधानसभा भवन में लगाए गए फांसी घर संबंधी बोर्ड को 24-25 अगस्त को प्रस्तावित आॅल इंडिया स्पीकर कॉन्फ्रेंस से पहले हटाना अनिवार्य है

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने हमेशा हमारे देश के इतिहास के साथ खिलवाड़ किया और हमारे शहीदों का अपमान किया। दिल्ली सीएम ने विधानसभा भवन के एक हिस्से को फांसी घर बताने के दावे को सिरे से खारिज किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता की भावनाओं से खेलते हुए और सहानुभूति बटोरने के लिए बिना किसी प्रमाण, दस्तावेज या ऐतिहासिक आधार के विधानसभा भवन के एक हिस्से को फांसी घर घोषित कर दिया।

राजनीतिक लाभ के लिए जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया

रेखा गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल शुरुआत से ही कैलकुलेटिव ढंग से राजनीति करते रहे हर हावभाव, हर पहनावा, हर नाटक किसी उद्देश्य से किया गया। ईमानदारी, देशभक्ति और त्याग का दिखावा कर जनता को गुमराह किया गया, जबकि असलियत में यह सब एक स्क्रिप्टेड ड्रामा था। मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए बताया कि यह भवन वर्ष 1912 में बना और वर्ष 1913 से 1926 तक यहां इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल की बैठकें हुईं।

जिस हिस्से को फांसी घर बताया गया, वह दरअसल ब्रिटिश काल में अंग्रेज अफसरों के लिए बनाई गई सर्विस सीढ़ियां थीं, जिनका इस्तेमाल टिफिन सर्विस और अन्य कार्यों के लिए होता था। जबकि वास्तविक में पुरानी दिल्ली की जेल मौलाना आजाद कॉलेज परिसर में थी और वहीं फांसी की सजा दी जाती थी।

जनता को भ्रमित करने के लिए सब कुछ किया

सीएम ने कहा कि इतिहास को तोड़-मरोडकर पेश करना केवल जनता को भ्रमित करने के लिए नहीं, बल्कि शहीदों की कुर्बानी का भी अपमान है। जिस भवन में संविधान की गरिमा के अनुरूप कानून बनाए जाते हैं, उसी के दर-ओ-दीवार पर झूठ लिख देना अक्षम्य अपराध है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता व सदन से आग्रह किया कि विधानसभा भवन में लगाए गए फांसी घर संबंधी भ्रामक बोर्ड को तुरंत हटाया जाए।