सरगी में शामिल चीजों का सेवन ब्रह्म मुहूर्त में करने का विधान
Karva Chauth Sargi, (आज समाज), नई दिल्ली: वैदिक पंचांग अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ व्रत किया जाता है। इस त्योहार को देशभर में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं करती हैं और रात में चंद्र दर्शन करने के बाद व्रत का पारण करने का विधान है। इस साल यह व्रत आज 10 अक्टूबर यानी की कल रखा जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ व्रत करने से पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।

इस दिन सरगी की परंपरा निभाई जाती है। इस व्रत की शुरूआत सरगी में शामिल चीजों को खाने के बाद से होती है। इस परंपरा को सूर्योदय से पहले निभाया जाता है। इस दिन सरगी सास अपनी बहु को देती है। जिसमें फल, मिठाई और सुहाग की चीजों को शामिल किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में।

सरगी का महत्व

करवा चौथ के दिन सरगी में शामिल चीजों का सेवन ब्रह्म मुहूर्त में करने का विधान है। इसके बाद करवा चौथ का व्रत की शुरूआत होती है। सनातन धर्म में सरगी का विशेष महत्व है। सरगी में फल और मिठाई के अलावा शृंगार की सामग्री को भी शामिल किया जाता है।

करवा चौथ सरगी

करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान सरगी में शामिल चीजों का सेवन कर सकते हैं।

करवा चौथ के दिन इन बातों का रखें ध्यान

  • करवा चौथ व्रत के दौरान किसी के बारे में गलत न सोचें।
  • किसी से वाद-विवाद न करें।
  • घर और मंदिर की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
    काले रंग के कपड़े धारण न करें।
  • व्रत कथा का पाठ करें।
  • चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें।

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