पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से मिलता है विशेष लाभ
Kanya Sankranti, (आज समाज), नई दिल्ली: सूर्य देव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि पर कन्या संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार यानी की आज 17 सितंबर को कन्या संक्रांति है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं।

वहीं, पूजा के बाद अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करते हैं। धार्मिक मत है कि कन्या संक्रांति के दिन पूजा, जप-तप और दान करने से साधक पर सूर्य देव की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से जातक को शारीरिक और मानसिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है।

सूर्य देव के नामों का करें जाप

अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो कन्या संक्रांति के दिन भक्ति भाव से भगवान भास्कर की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय सूर्य देव के नामों का मंत्र जप करें।

सूर्य देव 108 नाम

1. ॐ नित्यानन्दाय नम:।

2. ॐ निखिलागमवेद्याय नम:।

3. ॐ दीप्तमूर्तये नम:।

4. ॐ सौख्यदायिने नम:।

5. ॐ श्रेयसे नम:।

6. ॐ श्रीमते नम:।

7. ॐ अं सुप्रसन्नाय नम:।

8. ॐ ऐं इष्टार्थदाय नम:।

9. ॐ सम्पत्कराय नम:।

10. ॐ हिरण्यगर्भाय नम:।

11. ॐ तेजोरूपाय नम:।

12. ॐ परेशाय नम:।

13. ॐ नारायणाय नम:।

14. ॐ कवये नम:।

15. ॐ सूर्याय नम:।

16. ॐ सकलजगतांपतये नम:।

17. ॐ सौख्यप्रदाय नम:।

18. ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नम:।

19. ॐ भास्कराय नम:।

20. ॐ ग्रहाणांपतये नम:।

21. ॐ वरेण्याय नम:।

22. ॐ तरुणाय नम:।

23. ॐ परमात्मने नम:।

24. ॐ हरये नम:।

25. ॐ रवये नम:।

26. ॐ अहस्कराय नम:।

27. ॐ परस्मै ज्योतिषे नम:।

28. ॐ अमरेशाय नम:।

29. ॐ अच्युताय नम:।

30. ॐ आत्मरूपिणे नम:।

31. ॐ अचिन्त्याय नम:।

32. ॐ अन्तर्बहि: प्रकाशाय नम:।

33. ॐ अब्जवल्लभाय नम:।

34. ॐ कमनीयकराय नम:।

35. ॐ असुरारये नम:।

36. ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नम:।

37. ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नम:।

38. ॐ जगदानन्दहेतवे नम:।

39. ॐ जयिने नम:।

40. ॐ ओजस्कराय नम:।

41. ॐ भक्तवश्याय नम:।

42. ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नम:।

43. ॐ शौरये नम:।

44. ॐ हरिदश्वाय नम:।

45. ॐ शर्वाय नम:।

46. ॐ ऐश्वर्यदाय नम:।

47. ॐ ब्रह्मणे नम:।

48. ॐ बृहते नम:।

49. ॐ घृणिभृते नम:।

50. ॐ गुणात्मने नम:।

51. ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नम:।

52. ॐ भगवते नम:।

53. ॐ एकाकिने नम:।

54. ॐ आर्तशरण्याय नम:।

55. ॐ अपवर्गप्रदाय नम:।

56. ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नम:।

57. ॐ लूनिताखिलदैत्याय नम:।

58. ॐ खद्योताय नम:।

59. ॐ कनत्कनकभूषाय नम:।

60. ॐ घनाय नम:।

61. ॐ कान्तिदाय नम:।

62. ॐ शान्ताय नम:।

63. ॐ लुप्तदन्ताय नम:।

64. ॐ पुष्कराक्षाय नम:।

65. ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नम:।

66. ॐ उज्ज्वलतेजसे नम:।

67. ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नम:।

68. ॐ नित्यस्तुत्याय नम:।

69. ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नम:।

70. ॐ ऋक्षचक्रचराय नम:।

71. ॐ रुग्घन्त्रे नम:।

72. ॐ ऋषिवन्द्याय नम:।

73. ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नम:।

74. ॐ जयाय नम:।

75. ॐ निर्जराय नम:।

76. ॐ वीराय नम:।

77. ॐ ऊर्जस्वलाय नम:।

78. ॐ हृषीकेशाय नम:।

79. ॐ उद्यत्किरणजालाय नम:।

80. ॐ विवस्वते नम:।

81. ॐ ऊर्ध्वगाय नम:।

82. ॐ उग्ररूपाय नम:।

83. ॐ उज्ज्वल नम:।

84. ॐ वासुदेवाय नम:।

85. ॐ वसवे नम:।

86. ॐ वसुप्रदाय नम:।

87. ॐ सुवर्चसे नम:।

88. ॐ सुशीलाय नम:।

89. ॐ सुप्रसन्नाय नम:।

90. ॐ ईशाय नम:।

91. ॐ वन्दनीयाय नम:।

92. ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नम:।

93. ॐ भानवे नम:।

94. ॐ इन्द्राय नम:।

95. ॐ इज्याय नम:।

96. ॐ विश्वरूपाय नम:।

97. ॐ इनाय नम:।

98. ॐ अनन्ताय नम:।

99. ॐ अखिलज्ञाय नम:।

100. ॐ अच्युताय नम:।

101. ॐ अखिलागमवेदिने नम:।

102. ॐ आदिभूताय नम:।

103 ॐ आदित्याय नम:।

104. ॐ आर्तरक्षकाय नम:।

105. ॐ असमानबलाय नम:।

106. ॐ करुणारससिन्धवे नम:।

107. ॐ शरण्याय नम:।

108. ॐ अरुणाय नम:।

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