Johannesburg G20 Summit, (आज समाज), जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन चल रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने भी शिरकत की है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trumop), चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) बैठक में शामिल नहीं हुए।

अभी और काम की जरूरत पर जोर

जी20 सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप की शांति की योजना को लेकर सहमति नहीं बनी। इससे पश्चिमी देशों ने नाखुशी जताई। उन्होंने इसमें अभी और काम की जरूरत पर जोर दिया। बता दें कि बीते लगभग 3 वर्ष से अधिक समय से रूस-यूक्रेन के बीच जंग चल रही है।

अमेरिकी शांति प्रस्ताव बना चर्चा का मुख्य मुद्दा

बैठक में यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी शांति प्रस्ताव ही चर्चा का मुख्य मुद्दा बना। रूस की कुछ मांगों को प्रस्ताव में रखा गया था, जिस पर यूरोपीय देश रजामंद नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सीमाएं बलपूर्वक चेंज नहीं की जा सकतीं और यह मसौदा अभी पूरा नहीं है। ऐसे में अभी जंग खत्म होती दिखती नहीं है।

हाल ही में सामने आई थी प्रस्तावित शांति योजना

यूक्रेन युद्ध को लेकर हाल ही में अमेरिका की प्रस्तावित शांति योजना सामने आई थी। इसमें रूस की कुछ जिन मांगों को जगह दी गई है, उनमें यूक्रेन की सैन्य क्षमता घटाने, नाटो में शामिल होने की उसकी इच्छा छोड़ने व यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के कुछ इलाके रूस को सौंपने,जैसी शर्तें शामिल हैं। अमेरिका की ओर से गुरुवार तक इस प्रस्ताव पर यूक्रेन को जवाब देने को कहा गया है।

यूरोपीय देशों के नेताओं ने जारी किया संयुक्त बयान

यूरोपीय देशों के नेताओं ने जंग पर ट्रंप के शांति प्रस्ताव आपस में चर्चा करने के बाद संयुक्त बयान में कहा कि इस मसौदे में जरूर कुछ अहम तत्व हैं, पर फिर भी इस पर अभी और काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सीमाएं जोर जबरदस्ती से नहीं बदली जा सकतीं। जर्मनी, आयरलैंड, कनाडा, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, फिनलैंड, नीदरलैंड्स, नॉर्वे और यूरोपीय संघ के नेताओं ने इस बयान पर हस्ताक्षर किए।

यूक्रेन सेना की क्षमता पर सीमा लगाने की बात गलत : स्टार्मर

ब्रिटेन पीएम किएर स्टार्मर ने कहा कि अमेरिकी प्रस्ताव में यूक्रेनी आर्मी की क्षमता पर सीमा लगाने की बात बहुत चिंताजनक है। इसकी वजह यह कि किसी तरह के सीजफायर की स्थिति में यूक्रेन का आत्मरक्षा के लिए योग्य होना जरूरी है। स्टार्मर ने बाद में ट्रंप से फोन पर बात में कहा कि जेनेवा में होने वाली आगे की वार्ता में उनकी टीमें साथ काम करेंगी। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात कर उनके देश के लिए ब्रिटेन के मजबूत समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई।

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