• हडताल समाप्त होते ही चिकित्सकों के कमरों, दवा खिड़की पर रही धक्का-मुक्की
  • कुल ओपीडी 1890 रही, पूरा दिन लगी रही चिकित्सकों के कमरों के बाहर भीड़

(आज समाज) जींद। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य स्टाफ सोमवार को सुबह दस बजे से 11 बजे तक एक घंटे की हड़ताल पर रहा। स्वास्थ्य विभाग की हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन, दंतक सर्जन एसोसिएशन, लेब टेक्नीशियन एसोसिएशन, नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन, मिनिस्ट्रीयल स्टाफ  एसोसिएशन, एनएचएम कर्मचारी संघ एवं बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन सहित सभी श्रेणी के अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशनों ने लोकेशन आधारित जियो फेसिंग हाजिरी के विरोध में सोमवार को सुबह दस से 11 बजे तक काम का बहिष्कार किया।

इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी हडताल पर रहे और सीएमओ कार्यालय के सामने धरना देकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में मांगों को लेकर ज्ञापन सीएमओ डा. सुमन कोहली को सौंपा। एचसीएमए एसोसिएशन के प्रधान डा. बिजेंद्र ढांडा, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, राममेहर वर्मा ने बताया कि निजता और गोपनीयता को हनन करने वाली लोकेशन आधारित हाजिरी व्यवस्था को बंद करवाने के लिए पूरे हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी व कर्मचारी एक मंच पर आकर आंदोलन करने को मजबूर हंै।

पिछले दो महीने से जियो फेंसिंग हाजिरी को बंद करने की अपील की जा चुकी

राममेहर वर्मा ने कहा कि पिछले दो महीने से स्वास्थ्य मंत्री व उच्च अधिकारियों से ज्ञापन के माध्यम व मिलकर जियो फेंसिंग हाजिरी को बंद करने की अपील की जा चुकी है लेकिन सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है। अधिकारी व कर्मचारियों पर सरकार के द्वारा आंदोलन जबरन थौंपा जा रहा है। इसलिए कोई विकल्प नहीं बचा। सोमवार को काम छोड़ो आंदोलन के माध्यम से भी सरकार से अपील की गई है कि जियो फेंसिंग व्यवस्था को वापस ले नही तो आंदोलन को आगे बढ़ाना मजबूरी होगी।

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रधान डा. बिजेंद्र ढांडा तथा डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि हड़ताल पर रहते हुए भी चिकित्सक अपना नैतिक फर्ज निभाएंगे। सभी अस्पतालों में एमरजेंसी, डिलीवरी तथा पोस्टमार्टम सेवाओं को बहाल रखा जाएगा। आमजन को भी कोई परेशानी न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल 200 बैड का है। यहां प्रतिदिन सप्ताहभर में 1600 तक की ओपीडी होती है। सोमवार या किसी छुट्टी से अगले दिन यह ओपीडी बढ़ कर 1800 से दो हजार तक पहुंच जाती है। सोमवार को अस्पताल खुलने के साथ ही मरीज पहुंचना शुरू हो गए। 10 बजे तक चिकित्सक अपने कमरों में बैठे और ओपीडी की। इसके बाद एक घंटे के लिए हडताल की।

पूरे दिन में 1850 ओपीडी हुई। अस्पताल में उपचार के लिए आई रेखा ने बताया कि उसकी पैर की हड्डी में दर्द है लेकिन चिकित्सक एक घंटे हडताल पर हैं। अब उन्हें निजी अस्पताल में उपचार के लिए जाना होगा। वहीं दमे के रोगी विकास ने बताया कि उसे दवा लेनी थी और वह सुबह ही पहुंच गया था। यहां चिकित्सक एक घंटे हडताल पर थे। उस से सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। जैसे ही एक घंटे की हडताल समाप्त कर चिकित्सक अपने कमरों में पहुंचे तो उपचार के लिए मारामारी शुरू हो गई।

अस्पताल में एमरजैंसी, पोस्टमार्टम और लेबर जैसी सेवाओं को सुचारू रखा गया

सीएमओ डॉ. सुमन कोहली ने बताया कि चिकित्सकों की हड़ताल को लेकर जानकारी उच्च अधिकारियों को पहले ही उपलब्ध करवा दी गई थी। अस्पताल में एमरजैंसी, पोस्टमार्टम और लेबर जैसी सेवाओं को सुचारू रखा गया है। उन्होंने स्वयं अस्तपताल का दो से तीन बार दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया है। अस्तपाल को लेकर किसी तरह की किसी को कोई परेशानी नही आने दी गई है।

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