- हर घर नलों पर टेप लगाने के लिए दो अक्टूबर को चलेगा विशेष अभियान
Jind News (आज समाज) जींद। नरवाना उपमंडल अभियंता नवीन कुमार मुंडे ने कहा कि गांव सिंगवाल पेयजल संरक्षण व स्वच्छता में रोल मॉडल बनेगा और दूसरे गांव के लिए एक मिसाल कायम करेगा। मुंडे सोमवार को जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की संयुक्त टीम की अगुवाई कर गांव सिंगवाल के जलघर व गांव की विजिट के दौरान ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस गांव में हर घर पर नलों पर टेप होगी। जिसके लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।
जल सरंक्षण के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा
इस मौके पर जिला सलाहकार रणधीर मताना ने कहा कि विभाग व ग्राम पंचायत के सहयोग से गांव में हर घर तक स्वस्थ पेयजल आपूर्ति की जाएगी। गांव में लोगों को साफ -सफाई के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। गर्मी व बरसात के मौसम को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के माध्यम से जल चौपाल आयोजित कर जल संरक्षण, जल जीवन मिशन व जल सरंक्षण के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। आमजन को गर्मी में पानी बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ नुक्कड़ सभा, ग्रुप मीटिंग आदि करके पानी की शुद्धता एवं गुणवत्ता की जांच करके जानकारी दी जा रही है।
हर घर में नलों पर टेप लगवाई जाएगी
लोगों को नलों पर टूटी लगवाना, नल को खुला न छोडऩा और रोजमर्रा की आदतों में बदलाव लाना, जिन घरों में नलों पर टूंटी नहीं लगी थी, टूंटी लगवाने बारे प्रेरित करना आदि के बारे में जागरूकता लाई जा रही है। सरपंच प्रदीप कुमार ने कहा कि दो अक्टूबर को गांव में ग्राम पंचायत द्वारा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहयोग से विशेष कार्यक्रम करके हर घर में नलों पर टेप लगवाई जाएगी। जो अवैध कनेक्शन हैं, उन्हें कटवाया जाएगा ताकि हर घर तक पेयजल की आपूर्ति हो सके।
दूसरी तरफ गांव ईगरहा में केमिस्ट वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित टीम खंड समन्वयक दिनेश मलिक व सोमलता सैनी ने घर-घर जाकर पेयजल की जांच की। टीम ने जलघर पर पहुंच कर केमिकल के सैंपल लिए और क्लोरिनेशन की जांच की व जल संरक्षण और गुणवत्ता पर घर-घर जाकर लोगों से मिले।
लीकेज और अस्वास्थ्यकर कनेक्शनों की पहचान की गई
उन्होंने महिलाओं व बच्चों को जल संरक्षण के तरीकों के बारे में बताया व अस्वच्छ या गंदे पानी से होने वाली बीमारियों के बारे में भी लोगों को जागरूक किया। दौरे के दौरान लीकेज और अस्वास्थ्यकर कनेक्शनों की पहचान की गई और उन्हें ठीक किया गया। खुले नल के पानी के कनेक्शनों पर नल लगाए गए जल कार्य कर्मचारियों को ओटी किट के बारे में जागरूकता और घरों से अवशिष्ट क्लोरीन की जांच की गई।
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