- आज हिसार एग्रीकल्चर में आंदोलरत छात्रों को देंगे समर्थन
- भारतीय किसान नौजवान यूनियन हुई भाकियू एकता सिधुपुर में विलय
(Jind News) जींद। जाट धर्मशाला में सोमवार को भारतीय किसान नौजवान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ की अध्यक्षता में प्रदेशस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य रूप से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, कैप्टन वेद प्रकाश, करण सिंह खटकड़, सुनील बद्दोवाल सहित अनेक किसान नेता मौजूद रहे। बैठक में भारतीय किसान नौजवान यूनियन भारतीय किसान यूनियन एकता सिधुपुर में विलय हुई।
प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु कोहड़ ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार से बातचीत हुई थी। मांगें नही मानी गई तो लंबा आंदोलन चला। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सभी के सहयोग से सरकार को बातचीत की टेबल पर मजबूर किया गया और फिर हमारे साथ सरकार ने धोखा किया।
सभी आंदोलनकारियों से सिर्फ एक ही चर्चा होती थी कि हमारा सभी का काम करने का तरीका जब एक है तो संगठन एक क्यों नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि हम सरदार जगजीत सिंह दलेवाल के नेतृत्व में मिलकर काम करें।
आज हिसार एग्रीकल्चर में आंदोलरत छात्रों को देंगे समर्थन : डल्लेवाल
बैठक के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मंगलवार को उनका संगठन हिसार एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय में छात्रों के धरने में शामिल होगा। उनका संगठन छात्रों के साथ हैं। विश्वविद्यालय में धरने पर जो छात्र हैं वो हमारे ही बच्चे हैं। उनको हमारा पूरा समर्थन है। लड़ाई जो भी वो लड़ रहे हैं वो अपने तरीके से लड़ रहे हैं। लड़ाई उन्ही के हाथ में है। उनको जरूरत है तो वो उनके साथ हैं।
वहां धरना नहीं लगाया जाएगा। छात्र अपना फैसला लेने के लिए आजाद है। अगर उनको किसान यूनियन की जरुरत होगी तो हम उनके साथ देंगे। पंजाब हरियाणा के पानी मामले को लेकर उन्होंने कहा कि इस मामले मे हमारी किसान यूनियन का मजबूत स्टैंड है। पानी हर किसान की जीवन रेखा है और उसकी जरूरत है। सरकार किसानों को आपस मे भिड़वाने का ड्रामा रच रही हैं। सरकार को चाहिए कि वो किसानों को पानी देने पर काम करे।
पूरे देश को एकजुट करने का प्रयास
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को कैसे मजबूत बनाया जाए, एसकेएम ओर नॉन एसकेएम दोनों मिलकर इस पर हम काम कर रहे हैं। पूरे देश को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। आज हमने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है कि आज हम एसकेएम का हिस्सा तो हंै, उसके साथ-साथ भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर का परमानेंट पार्ट बन कर चलने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों के मुद्दे को लेकर अलग-अलग लडऩे की जगह सब मिल कर लड़ें तो लड़ाई मजबूत होगी। खनोरी बॉडर पर जब किसान आंदोलन चल रहा था तब सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी गठित की थी।
जिसमे हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के भी प्राफेसर को भी शामिल किया गया था। जो अपने यूनिवर्सिटी के छात्रों को इंसाफ नही दे पाए, वो किसानों का क्या समाधान करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वो किसी पोलिटिकल पार्टी का समर्थन नही करेंगे और न हीं इलेक्शन लड़ेंगे। हम जो लड़ाई किसान के लिए लड़ रहे हैं वो किसी पर अहसान नही जता रहे हैं। शहीदों ने देश के लिए पता नहीं क्या-क्या झेला है। देश की आजादी की जब लड़ाई चली थी तब हरियाणा और पंजाब एक था। उसमें 92 प्रतिशत कुर्बानियां पंजाब और हरियाणा से हुई।
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