- जिले के सभी खंड के नागरिक अस्पतालों में शुरू करवाया, जेल में 27 मरीजों की करवाई जांच
- अब सामान्य जांच में टीबी नहीं आने वाले मरीजों के होंगे टेस्ट
- समय से पहले पता लगने पर उपचार में भी होगी आसानी
(Jind News) जींद। जिले में टीबी का भविष्य में कोई मरीज नहीं मिले और शुरूआत लक्षणों में जिन मरीजों की रिपोर्ट सही नहीं मिलती थी। उनके लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने जिला नागरिक अस्पताल व खंड के नागरिक अस्पतालों में सीवाई टीबी की जांच शुरू की है। इसमें हाई रिस्क वाले लोगों में कोई टीबी संक्रमित तो नही, इसका पता लगेगा। 48 से 72 घंटे बाद पांच एमएम से ज्यादा का इंडयूरेशन टीबी संक्रमण माना जाएगा।
टीबी संक्रमण की आधुनिकतम जांच विधि सीवाई.टीबी को फोरआर्म में 0.1 एमएल इंट्राडर्मल लगाया जाएगा। संक्रमण पाए जाने पर संबंधित के अन्य टेस्ट कराकर टीबी का इलाज कर मरीज को ठीक किया जाएगा। सीवाई.टीबी टेस्ट एक प्रकार का त्वचा परीक्षण है लेकिन यह अधिक उन्नत तकनीक का है। मोंटेक्स टेस्ट में, एक छोटी सी मात्रा में ट्यूबरकुलिन नामक एक पदार्थ को त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है।
टेस्ट के परिणाम 48 से 72 घंटे के बीच
यह पदार्थ टीबी के बैक्टीरिया से प्राप्त किया जाता है। टेस्ट के परिणाम 48 से 72 घंटे के बीच में देखे जाते हैं। यदि टीबी के बैक्टीरिया के प्रति शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है तो त्वचा पर एक छोटा सा उभार या लाली दिखाई देती है। इस उभार का आकार और गहराई टीबी की उपस्थिति और गंभीरता का संकेत देते हैं। उन्होंने बताया कि विशेष तौर से छाती की टीबी के संपर्क में रह रहे व्यक्तियों की जांच की जाएगी।
टीबी को जड़मूल से खत्म करने के लिए लगातार चलाए जा रहे अभियान
जिला को टीबी मुक्त करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। पिछले दिन स्वास्थ्य पखवाड़े के तहत गांव-गांव व शहर-शहर जाकर टीबी जांच शिविर आयोजित किए गए थे। अब तक जिले में टीबी के 1991 मरीज उपचाराधीन हैं। इनमें से एक हजार के लगभग मरीज सामाजिक संस्थाओं व सरकारी विभागों ने गोद लिया हुआ है। अब टीबी की समय से पहले पहचान करने के लिए जिले में सीवाई टीबी की जांच शुरू की है।
स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया सीवाई टीबी टेस्ट : डॉ. जेके मान
क्षय रोग के नोडल अधिकारी डा. जेके मान ने बताया कि अब टीबी का शुरूआत दौर में ही पता लगाया जाएगा। इसके बाद उपचार शुरू कर इन मरीजों को ठीक भी जल्दी से किया जा सकता है। जिले में खंड स्तर के अस्पतालों में भी यह सुविधा शुरू करवाई गई है। इससे जेल में शनिवार को 27 मरीजों की जांच करवाई गई।
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