• विश्वविद्यालय को शैक्षणिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना ही उद्देश्य : वीसी प्रो. रामपाल सैनी

(Jind News) जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. रामपाल सैनी ने कहा कि
विश्वविद्यालय को शैक्षणिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, रोजगारोन्मुखी शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही स्थानीय समाज और उद्योगों से सांझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
वीसी प्रो. रामपाल सैनी मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अधिक से अधिक कोर्स देने की प्राथमिकताएं हैं। यह सभी चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में अधिक से अधिक कोर्स आएं। अधिक से अधिक बच्चें आएं। जिससे विश्वविद्यालय का नाम हो। यह कोई नही चाहता कि किसी चीज को चलाते हुए हमे रोकना पड़े। सबसे बड़ी चीजें दो हैं। इफं्रास्ट्रक्चर और स्टाफ। यह दोनों चीजें प्रमुख हैं और यही पूरा करना उनका मकसद है। वीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुछ कंस्ट्रक्शन के कार्य हैं, जिसे जल्द से जल्द पूरा करवाया जाएगा। तीसरा ब्लॉक में जल्द से जल्द कार्य शुरू हो।

लाइब्रेरी हो चुकी तैयार

लाइब्रेरी तैयार हो चुकी है। जल्द ही इसका उद्घाटन करवा कर विद्यार्थियों के लिए व्यवस्था की जाएगी। वीसी ने कहा कि दूसरी प्राथमिका है कि टीचिंग स्टाफ को गति दें। जल्द से जल्द प्रक्रिया शुरू हो ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो और उन्हें अच्छे प्राध्यापक मिलें। इसके बाद जो फेसिलिटी हैं, उन पर फोक्स होगा। उनकी तीसरी प्राथमिकता यह है कि युनिवर्सिटी की रैंकिंग अव्वल हो। नैक के लिए अगले पांच-छह माह के लिए तैयारी करें। नैक की रैंकिंग के आधार पर विश्वविद्यालय को ग्रांट मिलती है।

विश्वविद्यालय में 28 डिपार्टमेंट चल रहे

नैक की अच्छी रैंकिंग मिले। विश्वविद्यालय के पास कॉलेज से ज्यादा सोर्स होने चाहिएं। सरकार से अधिक से अधिक ग्रांट ली जाए ताकि उसका प्रयोग छात्रों की अच्छी शिक्षा के लिए किया जा सके। वहीं प्रो. लवलीन मोहन ने कहा कि विश्वविद्यालय 2014 में शुरू हुई थी। आज विश्वविद्यालय में 28 डिपार्टमेंट चल रहे हैं। छह प्रोग्राम हैं जिसमें पीएचडी शिक्षा भी शामिल है। चार हजार से ज्यादा छात्रों की संख्या है। हर वर्ष नेट की परीक्षा बच्चे पास कर रहे हैं। साइंस विभाग के प्राध्यापकों ने पेटेंट अर्जित किए हैं। रिसर्च का काम विश्वविद्यालय का है।

रिसर्च पर ज्यादा बल दिया जाता है। यहां आधुनिक लैब हैं। बच्चों को संपूर्ण शिक्षा देने का प्रयास है। छोटी युनिवर्सिटी के बावजूद बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा रही है। सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत समय-समय पर कई कोर्स शुरू किए गए हैं। बच्चों को डिग्री न दें केवल नॉलेज बेस बनाएं ताकि वो रोजगार प्रादाता भी बन सके। इन सब बातों को ध्यान में रख कर युनिवर्सिटी आगे बढ़ रही है।

यह भी पढ़े : Jind News : जल जीवन मिशन के तहत जिला के प्रत्येक घर में उपलब्ध करवाया जाए पीने का पानी 

यह भी पढ़े : Gold Rate Today : सोने की कीमतों में आयी गिरावट, देखे भाव