• इस बार कुंभकरण के सींग लगाए गए,  रावण के पुतले की आंखें व मुंह चलता हुआ दिखेगा
  • रेलवे जंक्शन ग्राउंड तथा अर्जुन स्टेडियम में रावण कुनबे के पुतलों का दहन

Jind News (आज समाज) जींद। दो अक्टूबर को होने वाले रावण दहन को लेकर रामलीला कमेटियों ने तैयारियां शुरू कर रखी हैं। हर बार की तरह इस बार भी शहर में अर्जुन स्टेडियम और रेलवे जंक्शन ग्रांउड में रावण के पुतलों का दहन होगा। अर्जुन स्टेडियम में रावण के पुतले की ऊंचाई 50 फीट रहेगी। जबकि पिछली बार रावण की ऊंचाई 45 फीट थी। रावण, कुुंभकरण और मेघनाथ के पुतले तैयार करने वाले कलाकार खरंैती शर्मा, संजय शर्मा, बिरजू, अजय शर्मा, रेखा शर्मा व मंगली शर्मा का कहना है कि इस बार कुंभकरण के सींग लगाए गए हैं।

पुतलों में आतिशबाजी का किया जाएगा प्रयोग

आंखे लाल रहेंगी जो अंधेरा होने पर चमकेंगी। पिछली बार की तरह रावण की आंखें व मुंह चलता हुआ दिखाई देगा लेकिन इस बार रावण के पुतले की ऊंचाई पांच फीट ज्यादा की गई है। पुतलों में आतिशबाजी का प्रयोग किया जाएगा। पुतलों पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च आया है। रावण दहन कार्यक्रम के दौरान मेले का भी आयोजन किया जाएगा। वहीं दशहरा पर्व को लेकर बाजार गुलजार हैं। दो अक्टूबर को रावण दहन होगा। फिलहाल कलाकार भी रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को फाइनल टच दे रहे हैं।

76 वर्षीय खैरेती लाल को पुतले बनाने का काम विरासत में मिला

श्याम नगर निवासी 76 वर्षीय खैरेती लाल ने बताया कि रावण परिवार के पुतले बनाने का काम विरासत में मिला है। उनके बाप व दादा पुतले बनाने का काम करते थे। समय के साथ इस कला में बदलाव भी आया है। उसके समेत परिवार के छह सदस्य पिछले 40 दिन से पुतले बनाने में लगे हुए हंै। जिनके निर्माण मे लागत भी अच्छी आती है। पुतलों के दहन को लेकर खैरेती लाल बताते हैं कि उन्हें मेहनत के बदले रुपये तो मिलते हैं लेकिन मेहनत को जलता देख दर्द भी होता है। बुराई का रूप जलाए जाने पर दिल को दिलासा भी मिलती है।

वह पिछले लगभग डेढ़ महीने से पुतले तैयार करने में लगे हुए हैं। तीनों पुतलों को तैयार करने पर लागत लगभग डेढ़ लाख रुपये आई है। पिछले बार की अपेक्षा इस बार तीनों पुतले के जुतों के आकार में भी बदलाव किया गया है। तीनों पुतलों के जुतों बड़े हैं। रावण के पैर काले रंग, कुंभकरण के पैर पीले रंग और मेघनाथ के पैर गुलाबी रंग के तैयार किए गए हैं। इस बार तीनों पुतलों के हथियारों में भी बदलाव किया गया है। पिछली बार मेघनाथ का हथियार भाला था। जबकि इस बार मेघनाथ का हथियार गदा रहेगा। जबकि पिछली बार की तरह रावण के हाथ में इस बार भी तलवार रहेगी।

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