• तीन अंडर ट्रायल बंदियों को किया अंडरगोन

(Jind News) जींद। जिला एवं  सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष यशवीर सिंह राठौर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। सीजऐम मोनिका के समक्ष जेल लोक अदालत में पांच मामले विचाराधीन रखे गए। जिसमें से तीन मुकद्मों को अंडरगोन किया गया। अगर विचाराधीन बंदी पर और कोई मुकद्मा ना हो तीन कैदियों को रिहा करने का आदेश पारित किया गया। उन्होंने बताया कि जेल लोक अदालत महीने में दो बार लगाई जाती है।

प्राधिकरण सचिव मोनिका ने जिला जेल का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कैदियों व हवालातियों को उनकी केसों में आ रही मुश्किलों को सुना व समस्या के समाधान संबंधी जानकारी दी। इसके अलावा सीजेएम ने जेल में बंद कैदियों से से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को अपने केस की पैरवी करने के लिए वकील की जरूरत है, वह मुफ्त कानूनी सेवाएं के लिए प्राधिकरण के अधीन वकील की सेवाएं ले सकते हैं।

आपसी समझौते से हल होने वाले मामलों में राष्ट्रीय लोक अदालत काफी कारगर सिद्ध हो रही

इस संबंध में लिखित दरखास्त जेल प्रशासन के माध्यम से या न्याय रक्षक के माध्यम से जिलाए विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में भेजनी होती है। उन्होंने बताया कि नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 पर किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी प्राप्त करते है। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि आपसी समझौते से हल होने वाले मामलों में राष्ट्रीय लोक अदालत काफी कारगर सिद्ध हो रही है। लोक अदालत में सस्ता व सुलभ न्याय मिलता है तथा इसकी प्रक्रिया बिल्कुल साधारण है। जिसमें दोनों पक्षों की सहमति से केस का निपटारा किया जाता है।

जिसमें लोगों के धन व समय की बचत होती है इसमें न किसी की जीत और ना ही किसी की हार होती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट क्लेम, एनमाई एक्ट, फौजदारी, रैवन्यू, वैवाहिक विवाद, मोटर व्हीकल चालान आदि विवादों का निपटान किया जाएगा।

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