(Jind News) जींद। चिराग योजना के तहत निजी स्कूल में एक विद्यार्थी को दाखिला नहीं देने और स्कूल द्वारा बताई गई दुकान से किताब और ड्रेस खरीदने को मजबूर करने की शिकायत लेकर एक महिला डीसी कार्यालय पहुंची। डीसी को दी शिकायत में गांव मनोहरपुर निवासी महिला नीशा ने कहा कि उसका बेटा विवेक चिराग योजना के तहत शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ता है। निजी स्कूल संचालक ने उसके बेटे का नाम काट दिया और कहा कि बेटा का व्यवहार अच्छा नहीं है। ऐसे में उसे स्कूल से निकाला जा रहा है।

एक्टिविटी चार्ज के नाम पर चार हजार रुपये वसूल लिए गए

जबकि सच्चाई यह है कि स्कूल संचालक उसके द्वारा बताई गई दुकानों से किताब और ड्रेस खरीदने को लेकर दबाव बना रहा है और एक्टिविटी चार्ज के नाम पर उनसे चार हजार रुपये वसूल लिए गए। जब वह उसके बच्चे का दाखिला किसी दूसरे स्कूल में करवाने गए तो दूसरे स्कूल संचालक ने कहा कि बच्चे ने जहां से नौवीं कक्षा की पढ़ाई की है, वहीं से उसे दसवीं कक्षा करवाना उचित रहेगा।

उनका स्कूल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, जबकि बेटा सीबीएसई बोर्ड मान्यता प्राप्त स्कूल से पढ़ाई कर रहा है। ऐसे में वह उसके बेटे का दाखिला हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल में नहीं कर सकते। अगर फिर भी उसे अपने बेटे का दाखिला हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल में करवाना है तो उसे पंचकूला मुख्यालय से अनुमति लेकर आनी होगी।

किसी निर्धारित दुकान से ही किताब और ड्रेस खरीदने को लेकर क्यों मजबूर किया जा रहा

10वीं कक्षा बोर्ड की होने की वजह से वह अपने बच्चे के दाखिले के लिए धक्के खा रही है, लेकिन उसे बेटे को किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं मिल रहा है। ऐसे में उसके बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जिस स्कूल में उसका बेटा चिराग योजना के तहत पढ़ रहा था, उसी स्कूल में दाखिला दिलवाया जाए।

इसके अलावा स्कूल संचालक से जवाब मांगा जाए कि शिक्षा विभाग के आदेश होने के बावजूद उन्हें किसी निर्धारित दुकान से ही किताब और ड्रेस खरीदने को लेकर क्यों मजबूर किया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी राजपाल देशवाल ने कहा कि उसने पास शिकायत नहीं आई है। अगर शिकायत आती है तो मामले की जांच की जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

यह भी पढ़ें : Jind News : जिले में अवैध पिस्तौल के साथ दो आरोपित काबू