• दूसरे दिन भी फ्री रहा भिड़ताना टोल प्लाजा, जारी रहा धरना

Jind News (आज समाज) जींद। पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने गांव भिड़ताना के निकट जींद-सोनीपत ग्रीन फिल्ड नेशनल को टोल फ्री करवाने तथा धरना देने पर किसान नेता समेत पौने दो सौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं मृतक टोल प्लाजा कर्मी के परिजनों का आर्थिक सहायता की मांग को लेकर धरना जारी रहा और टोल को भी फ्री रखा गया। पुलिसबल भी मौके पर बना रहा।

गांव भिड़ताना जींद-सेानीपत  ग्रीन फिल्ड नेशनल हाइवे टोल कंपनी के मैनेजर आगरा निवासी सुमित जैन ने पुलिस को दी शिकायत में बताया की गत दिवस किसान नेता रवि आजाद तथा काफी संख्या में लोग टोल प्लाजा पर आए। जिन्होंने टोल को फ्री करवा दिया और वहां पर धरना शुरू कर दिया। टोल पर मौजूद कर्मियों ने विरोध किया तो उन्हें टोल पर तोडफ़ोड़ करने की धमकी दी। टोल फ्री करवाने के कारण कंपनी का काफी नुकसान हो रहा। धरना दे रहे लोगों ने सार्वजनिक सेवा को बाधित किया हुआ है।

भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज

पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने मैनेजर की शिकायत पर किसान नेता रवि आजाद, कमेटी प्रधान अंकुश सिवाच, अमित सरपंच, रघुबीर, कृष्ण, जगबीर फौजी, धर्मबीर, रामवीर, महाबीर, अशोक, कुलदीप को नामजद कर डेढ़ सौ अन्य के खिलाफ बिना अनुमति के धरना देने, प्रर्दशन करने, सार्वजनिक सेवा को बाधित करने, तोडफ़ोड़ करने धमकी देने समेत विभिन्न भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि गांव भैणी सरजन रोहतक निवासी सरजीत रक्षक नेशनल हाइवे कंपनी में कार्य करता था। गत 25 अगस्त को डयूटी के दौरान बरौदा थाना इलाके में सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

उस दौरान कंपनी ने मृतक के परिजनों का आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया था। परिजनों का कहना है कि अब कंपनी ने आर्थिक सहायता देने से मना कर दिया। जिससे खफा परिजनों तथा ग्रामीण शनिवार को कंपनी के गांव भिड़ताना के निकट बने टोल प्लाजा पर पहुंचे और उसे फ्री करवा कर वहां पर धरना शुरू कर दिया। जब टोल प्लाजा के मैनेजर का कहा कि रक्षक कंपनी टोल को बेच चुकी है।

धरना समाप्त करने से कर दिया मना

दूसरी कंपनी टोल का संचालन कर रही है। सफीदों डीएसपी भी मौके पर पहुचे थे लेकिन बिना आर्थिक सहायता के धरना समाप्त करने से मना कर दिया। मृतक के भाई रविंद्र ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नही मानी जाती उनका धरना जारी रहेगा और टोल को भी फ्री रखा जाएगा। कंपनी को चाहिए कि अपने वायदे के अनुसार मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि अब कंपनी के अधिकारी भी उनके पास नही आ रहे है।

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