इंडिगो की परिचालन समस्या के चलते आई मांग में कमी

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : करीब एक पखवाड़े तक चली इंडिगो फ्लाइट परिचालन समस्या के चलते देश में जेट र्इंधन की मांग में जबरदस्त गिरावट देखी गई। आपको बता दें कि भारत में सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के परिचालन में गत एक पखवाड़े से लगातार समस्या आ रही है। अभी भी इसका परिचालन समान्य नहीं हो पाया है। परिचालन की समस्या के चलते इसकी हजारों उड़ानें बीते दिनों रद कर दी गई। इस सबका असर जहां नागरिकों के सफर पर पड़ा वहीं इस समस्या का दूसरा सबसे बड़ा प्रभाव जेट र्इंधन की बिक्री पर पड़ा

एटीएफ की बिक्री चार प्रतिशत तक गिरी

दिसंबर में इंडिगो की बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने का असर विमान के ईंधन की मांग पर पड़ा है। दिसंबर के पहले पखवाड़े में विमानन टरबाइन ईंधन यानी एटीएफ की बिक्री में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। भारत के विमानन क्षेत्र में कोविड महामारी के कारण आई मंदी से उबरने के बाद से पिछले दो वर्षों में जेट ईंधन (एटीएफ) की मांग लगातार बढ़ रही थी। लेकिन यह रुझान तब बदल गया जब दिसंबर में इंडिगो को बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को पायलटों के ड्यूटी टाइम के नए नियमों, कर्मचारियों की कमी और प्रमुख हवाई अड्डों पर घने कोहरे जैसी मौसम से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

एक से 15 दिसंबर तक मांग में इतनी कमी आई

आंकड़ों के अनुसार, 1 से 15 दिसंबर के दौरान एटीएफ की बिक्री पिछले वर्ष की इसी अवधि के 3,45,400 टन से घटकर 3,31,400 टन रह गई। मासिक आधार पर बिक्री में 7.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। ईंधन बाजार में जेट ईंधन एक अपवाद था, जबकि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी जैसे अन्य प्रमुख ईंधनों में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। देश में सबसे अधिक खपत होने वाला ईंधन डीजल है और कुल ईंधन खपत में इसका हिस्सा लगभग 40 प्रतिशत है। 1 से 15 दिसंबर के दौरान इसकी बिक्री लगभग 5 प्रतिशत बढ़कर 33 लाख टन हो गई। हालांकि, त्योहारी मांग कम होने के कारण मासिक बिक्री में 5.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

पेट्रोल की मांग में हुई वृद्धि

दिसंबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत 7.7 प्रतिशत बढ़कर 13 लाख टन हो गई। 1 से 15 दिसंबर 2023 की तुलना में पेट्रोल की बिक्री में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और दिसंबर 2022 के पहले पखवाड़े में हुई 10 लाख टन की बिक्री की तुलना में यह वृद्धि 24.7 प्रतिशत रही। महीने-दर-महीने खपत में 5.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। घरेलू खाना पकाने की बढ़ती जरूरतों के कारण एलपीजी की बिक्री में वृद्धि जारी रहने से 1 से 15 दिसंबर के बीच एलपीजी की बिक्री 15.1 प्रतिशत बढ़कर 15 लाख टन हो गई। इस उछाल का एक प्रमुख कारण ईंधन की घरेलू मांग है।