मुख्यमंत्री ने सूबे में निवेश के लिए जापान की बहुराष्ट्रीय कंपनी को पूरे समर्थन और सहयोग का दिया भरोसा, पंजाब में 1500 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहता है जीएनजे ग्रुप
Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब में धान के अवशेषों का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन करने के लिए जापान की एक प्रमुख कंपनी ने पंजाब में निवेश का फैसला लिया है। कंपनी प्रतिनिधियों ने सीएम भगवंत सिंह मान से मुलाकात की और पंजाब में कंपनी के निवेश संबंधी जानकारी साझा की। इस दौरान सीएम भगवंत सिंह मान ने इस बहुराष्ट्रीय कंपनी ग्लोबल नेटवर्क जापान (जीएनजे) ग्रुप को धान की वेस्टेज के प्रबंधन के लिए सूबे में निवेश करने के लिए पूर्ण समर्थन और सहयोग का भरोसा दिया। ग्रुप का शिष्टमंडल, जिसमें सायतो मासाहीको, नोबूटोकी इतो, ताकेशी इशीगुरो, हितोशी कोनागानो, रोहित बख्शी, मनप्रीत सिंह और अन्य शामिल थे, ने आज यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
सीएम ने कंपनी के प्रयास की सराहना की
मुख्यमंत्री ने भारत के वातावरण और ग्रामीण विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता देने के लिए जीएनजे ग्रुप की वचनबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह जानकर बड़ी खुशी हुई कि कंपनी वेस्टेज से ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है और इस लाभदायक प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए मुख्य तौर पर पंजाब को चुना गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य झोने की वेस्टेज के सुचारू प्रबंधन के साथ-साथ एक साफ-सुथरा, हरा-भरा और खुशहाल भविष्य सृजित करना भी है।
धान अवशेष प्रबंधन बड़ी चुनौती
इस अवसर पर भगवंत सिंह मान ने कहा कि धान की पराली जलाना सूबा सरकार के सामने बड़ी चुनौतियों में से एक है और इसी कारण जापानी व्यापारिक कंपनी के साथ रणनीतिक गठजोड़ समय की मांग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने से वातावरण प्रदूषण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य को भी भारी नुकसान होता है, इसलिए सूबा सरकार इस मसले का स्थायी हल चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि झोने की पराली जलाने से मिट्टी के कई सूक्ष्म पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं, जिसके कारण किसानों को फसलों के लिए खाद और अन्य चीजें इस्तेमाल करनी पड़ती हैं, जिससे लागत बढ़ती है।
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