Red Fort culprit Doctor Umar House Blown Up, (आज समाज), श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में लाल किले पर हमला करने वाले डॉ. उमर नबी (Dr. Umar Nabi) के घर को सुरक्षा एजेंसियों ने आज सुबह उड़ा दिया। जांचकर्ताओं के मुताबिक उमर जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed (खीट) (Kheet)) और अंसार गजवत-उल-हिंद (Ansar Ghazwat-ul-Hind) (एजीयूएच) से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था। वहीं एक प्रमुख विदेशी हैंडलर ( key foreign handler), उकासा (Ukasa), दिल्ली स्थित मॉड्यूल और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के बीच मुख्य कड़ी के रूप में काम करता था।
2022 में तुर्की में हुई साजिश की शुरुआत
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार भारत में धमाके करने के लिए साजिश रचने की शुरुआत 2022 में तुर्की (Turkey) में हुई। उमर और उसके तीन साथी उस वर्ष तुर्की में थे। ये तीनों लोग जैश-ए-मोहम्मद और एजीयूएच से जुड़े थे और वहां राजधानी अंकारा में समय बिता रहे थे।
उकासा ने गुप्त सेल स्थापित करने की सलाह दी
सूत्रों ने बताया कि शुरूआत में तीनों लोगों का यह ग्रुप टेलीग्राम के जरिए संवाद करता था। एक अधिकारी ने बताया कि बाद में ये लोग सिग्नल और सेशन जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिये आपस में संपर्क करने लगे। उन्होंने कहा कि उकासा ने उन्हें गुप्त सेल स्थापित करने और डिजिटल फुटप्रिंट से बचने के बारे में बताया था।
समूह ने खरीदीं थी तीन कारें
इस मॉड्यूल ने कई वाहनों में आईईडी और सशस्त्र हमलों से लैस एक शानदार बहु-शहरी आतंकी हमले की योजना बनाई थी। इस समूह ने तीन कारें खरीदीं—एक हुंडई i20 (Hyundai i20), एक लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट (Ford EcoSport) और एक मारुति ब्रेज़ा (Maruti Brezza)। उमर की i20 को लाल किले के पास विस्फोटित किया गया। इकोस्पोर्ट फरीदाबाद में बरामद की गई, जबकि ब्रेज़ा की जाँच जारी है। अल-फलाह विश्वविद्यालय (Al-Falah University) के डॉक्टर और उमर के करीबी सहयोगी डॉ. मुजम्मिल (Dr Muzammil) ने सुरक्षा उपायों का अध्ययन करने के लिए लाल किले (Red Fort) का मुआयना (recce) किया।
राम मंदिर का ध्वजारोहण भी था संभावित लक्ष्य
अधिकारियों ने बताया कि यह हमला 2026 के गणतंत्र दिवस पर भी हो सकता था और 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर का ध्वजारोहण भी एक संभावित लक्ष्य था। फरीदाबाद से इससे पहले अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स सहित 350 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक जब्त किए गए थे। सुरक्षा एजेंसियाँ अब पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए विदेशी खुफिया सहयोग से उकासा के डिजिटल और वित्तीय पदचिह्नों का पता लगा रही हैं।
ये भी पढ़ें : Delhi Blast: भूटान से लौटते ही घायलों से एलएनजेपी अस्पताल में मिले पीएम