दिल्ली सीएम ने कांवड़ शिविर में पहुंचकर कांवड़ियों पर की पुष्प वर्षा

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा किशिवभक्तों की सेवा करना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि सौभाग्य भी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कांवड़ मार्ग का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा, क्षेत्रीय विधायक, निगम पार्षद और स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

उधर, भक्तिभाव से सराबोर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था का जीवंत उत्सव है। दिल्ली सरकार ने इस बार कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए अभूतपूर्व तैयारियां की हैं।

सीएम ने सभी संगठनों का जताया आभार

मुख्यमंत्री ने तमाम सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवकों, कांवड़ यात्रा के तैयारियों को देखने वाले समितियों और अधिकारियों के कार्यशैली और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की पूरी टीम रात दिन लगकर इस पवित्र कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री ने इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया कि इस वर्ष सभी कांवड़ समितियों को पहले ही चरण में लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे रकम भेजना (डीबीटी) के जरिए अग्रिम भुगतान उपलब्ध करा दिया गया, जिससे व्यवस्थाएं पहले से ही सुचारू रूप से लागू की जा सकें।

सरकार ने 72 घंटे में दी सभी तरह की अनुमति

सरकार ने बिजली, सफाई, शौचालय, पानी टैंकर और प्रकाश की संपूर्ण व्यवस्था सीधे अपने माध्यम से कराई। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने 72 घंटे के भीतर अनुमति की प्रक्रिया पूरी कर एक नया मानक स्थापित किया है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने मंत्री कपिल मिश्रा, डिविजनल कमिश्नर नीरज सेमवाल, सभी जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोलेनाथ के किसी भी भक्त को कांटा भी न चुभे इसी भावना के साथ दिल्ली सरकार ने पूरे आयोजन को सेवा, समर्पण और सजगता के साथ निभाया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि इस बार सरकार की भूमिका किसी भी औपचारिक आयोजनकर्ता की नहीं रही, बल्कि हर स्तर पर स्वयंसेवक की रही है।

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