सीएम ने बाढ़ से बचाव के लिए 120 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया मास्टर प्लान

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब का नाम ही पांच दरियाओं की धरती के नाम पर पड़ा। पंजाब शब्द पंज आब से बना है जिसका अर्थ है पांच पानियों की धरती। हालांकि यह नाम इतिहास में दर्ज है। वर्तमान में परिस्थितियां काफी ज्यादा बदल गई हैं। अब हर साल मानसून में होने वाली बारिश के चलते पंजाब में बाढ़ एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। पिछले साल भी मानसून के दौरान प्रदेश के ज्यादात्तर जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इस साल बाढ़ से कम से कम नुकसान हो इसके लिए प्रदेश के सीएम भगवंत सिंह मान ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है।

फंड के तर्कसंगत उपयोग पर दिया जोर

चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों की प्रगति की निगरानी के लिए अपनी सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान न केवल फंडों के तर्कसंगत उपयोग को सुनिश्चित करेगा, बल्कि बाढ़ पीड़ितों को फसलों और संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजा देने पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए की बचत में भी मदद करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि नालों और नदियों के प्रबंधन की योजना सिंचाई विभाग के इंजीनियरों के साथ सीधे समन्वय करके बनाई जानी चाहिए। इससे बाढ़ सुरक्षा बुनियादी ढांचे की नियमित सफाई और मजबूती सुनिश्चित की जा सकेगी। भगवंत मान ने कहा कि ये प्रबंध मानसून के दौरान बाढ़ के कारण होने वाली तबाही से राज्यवासियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जा सके खाका

मुख्य मंत्री ने अधिकारियों को मास्टर प्लान के आधार पर व्यापक खाका तैयार करने के निर्देश दिए ताकि बाढ़ सुरक्षा कार्यों को बारिश के मौसम से ठीक पहले पारंपरिक दृष्टिकोण की बजाय योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जा सके। उन्होंने इन प्रयासों को नियमित आधार पर जारी रखने के लिए वार्षिक बजट में विशेष आवंटन की महत्ता पर भी जोर दिया। इसके अलावा, भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों को सिंचाई विभाग के ड्रेनेज और नहरी विंग में प्राथमिकता वाले कार्यों की पहचान कर मुख्य इंजीनियरों के साथ सलाह-मशविरा करके कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

सभी जिलों से गुजरने वाले नालों की जल्द करें सफाई

एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्य मंत्री ने पंजाब के सभी 22 जिलों में बाढ़ सुरक्षा कार्यों और नालों की सफाई के लिए लगभग 120 करोड़ रुपए को मंजूरी दी। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए कि ये प्रोजेक्ट मानसून की शुरूआत से पहले पूरे किए जाएं और इन्हें पूरा करने की समय-सीमा 30 जून तक निर्धारित की जाए। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि सिंचाई विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इन कार्यों को पूरा करने में लापरवाही के लिए व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होगा।

ये भी पढ़ें : Jalandhar Breaking News : पंजाब में नशे की सप्लाई चेन तोड़ना ही हमारा मकसद : डीजीपी