अमेरिका के बाद जापान की एजेंसी ने बढ़ाई भारत की रेटिंग

India GDP (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्तमान समय में पूरे विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं कहीं न कहीं आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रहीं हैं। भारत भी उनमें से एक है। लेकिन पिछले कुछ समय से भारत की अर्थव्यवस्था ने न केवल विकासशील बल्कि विकसित देशों से भी ज्यादा तेजी से विकास किया है। यहीं कारण है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ता दिखाई नहीं दे रहा।

इतना ही नहीं भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां भी इस बात को स्वीकार कर रही हैं। यही कारण है कि पहले जहां अमेरिका की रेटिंग एजेंसी ने भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को लेकर अच्छे अंक दिए तो अब जापान की एजेंसी ने भारत की रैंकिंग सुधारी है।

आरएंडआई ने यह रेटिंग दी

जापान की रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन इंक. (आर एंड आई) ने शुक्रवार को भारत की विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को स्थिर दृष्टिकोण के साथ बीबीबी से बीबीबी+ कर दिया। एजेंसी ने मजबूत घरेलू मांग, राजकोषीय अनुशासन और बेहतर बाहरी स्थिरता का हवाला देते हुए देश की विदेशी मुद्रा अल्पकालिक ऋण रेटिंग को ए-2 पर बरकरार रखा। यह इस वर्ष किसी संप्रभु क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की ओर से किया गया तीसरा सकारात्मक बदलाव है। इससे पहले एसएंडपी ने अगस्त 2025 में भारत की रेटिंग बीबीबी- से ‘बीबीबी’ और मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस ने मई 2025 में बीबीबी लो से ‘बीबीबी’ कर दी थी।

विदेशी निवेशकों के लिए भारत नई उम्मीद बनकर उभरा

वैश्विक जीडीपी की सुस्त रफ्तार और चीन पर बढ़ती भू-राजनीतिक आशंकाओं के बीच भारत विदेशी निवेशकों के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट और विश्लेषणों में भारत को एशिया का निवेश चुंबक बताया गया है। अखबार का कहना है कि अगर नीतिगत स्थिरता और पारदर्शिता कायम रखी जाए, तो भारत विदेशी निवेश का नया ग्रोथ इंजन बन सकता है।

भारत की विकास दर अगले पांच वर्षों तक वैश्विक औसत से अधिक रहेगी। युवा आबादी और मजबूत उपभोक्ता बाजार भारत की सबसे बड़ी पूंजी हैं। फाइनेंशियल टाइम्स ने लिखा, भारत का डेमोग्राफिक डिविडेंड निवेशकों के लिए वह आधार है, जो चीन में घट रहा है। चीन में लागत बढ़ने, अमेरिकी दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों के चलते वैश्विक कंपनियां आपूर्ति शृंखला विविधीकरण की ओर बढ़ रही हैं।

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