मुख्यमंत्री एके स्टालिन ने की मृतकों के लिए मुआवजे की घोषणा

Tamil Nadu Karur Stampede (आज समाज), करूर : शनिवार को किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा की अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली में दुखद घटना हो जाएगी। दरअसल इस रैली में मची भगदड़ में 38 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 50 लोग घायल हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर है। जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आंशका है।

वहीं प्रदेश सरकार ने इस रैली में मची भगदड़ पर सख्त संज्ञान लिया है। सीएम एमके स्टालिन भगदड़ की सूचना मिलते शनिवार देर रात ही एक्टिव हो गए। उन्होंने जिला प्रशासन से इस घटना के पीड़ितों को हर संभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अपने कैबिनेट मंत्रियों को तुरंत घटनास्थल पर जाकर व्यवस्था संभालने को कहा। उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम आज करूर पहुंच सकत हैं।

मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 10 लाख रुपए

मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि सरकार ने भगदड़ की घटना के कारणों की जांच के लिए एक आयोग की घोषणा की है। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन करेंगे। उन्होंने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की। प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये और घायल व्यक्ति को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे।

टीवीके पदाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज

वहीं करूर पुलिस ने टीवीके के करूर पश्चिम जिला सचिव वीपी मथियाझागन के खिलाफ भगदड़ के सिलसिले में मामला दर्ज किया है। कार्यक्रम के दौरान मानदंडों के उल्लंघन के लिए चार धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जी. वेंकटरमन ने बताया कि रैली की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही इकट्ठा होने लगी थी। जब विजय शाम 7 बजकर 40 मिनट पर पहुंचे, तब तक लोग घंटों बिना पर्याप्त भोजन और पानी के इंतजार कर रहे थे।

रैली स्थल पर मौजूद थे 500 से अधिक पुलिसकर्मी

डीजीपी जी. वेंकटरमन ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि भीड़ उम्मीद से कहीं ज्यादा उमड़ी। अभियान स्थल पर अभिनेता-नेता विजय के संबोधन के लिए 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। पुलिस के अधिकारी ने बताया कि टीवीके पदाधिकारियों ने करूर में खुले स्थान में रैली करने से इंकार कर दिया था। लोग वाहन के साथ चलते रहे और भीड़ बढ़ने के कारण थक गए। रैली स्थल पर पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। कई महिलाएं अपने बच्चों के साथ कार्यक्रम में आई थीं। सभा के लिए खुला मैदान ज्यादा सुरक्षित होता, लेकिन आयोजक इस सुझाव पर सहमत नहीं हुए।

प्रत्यक्षदर्शी बोले- भूखे-प्यासे कर रहे थे इंतजार

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हम खुद वहां मौजूद थे। भीड़ संभालने का कोई उपाय नहीं था। विजय के 11 बजे आने की सूचना थी, लेकिन वे काफी देर से पहुंचे। लोग बच्चों के साथ आए थे, भूखे-प्यासे थे, और सिर्फ एक झलक पाने की उम्मीद में घंटों खड़े रहे। ऐसे में स्थिति बेकाबू हो गई। यह बहुत दुखद घटना है। आयोजकों को इतनी भीड़ का अंदाजा था या नहीं, कहना मुश्किल है, लेकिन ऐसी घटनाएं दोहराई नहीं जानी चाहिए।

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