Earthquake In Indonesia, (आज समाज), जकार्ता: इंडोनेशिया में टोबेलो जिले के पश्चिम में आज 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के मुताबिक भूकंप का केंद्र टोबेलो जिले से 85 किलोमीटर दूर 123.9 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। भूकंप के कारण तत्काल किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

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आपस में टकराती हैं धरती के अंदर मौजूद प्लेटें

भूकंप आने का मुख्य कारण धरती के अंदर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। धरती में 7 प्लेटें हैं, जो हमेशा घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेटें अधिक टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं और नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं। ऐसी स्थिति में डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

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इसे कहते हैं रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर इसके केंद्र से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का पता लगता है।

एपीसेंटर पर होता है भूकंप का अधिक कंपन

भूकंप का केंद्र यानी एपीसेंटर उस स्थान को कहते हैं जिसके बिलकुल नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। उस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती है, इसका प्रभाव घटता जाता है। फिर भी अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।

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