India-Pakistan Conflict, (आज समाज), नई दिल्ली: भारतीय सेना ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच आज कोई सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तरीय वार्ता निर्धारित नहीं है। कुछ मीडिया आउटलेट्स द्वारा भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम आज समाप्त होने का दावा करने और डीजीएमओ स्तरीय वार्ता होने की रिपोर्ट्स जारी की गई हैं, जिसके बाद सेना ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
संघर्ष को समाप्त करने के लिए 10 मई को बनी सहमति
बता दें कि भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला के बीच इसी सप्ताह सोमवार यानी 12 मई को हॉटलाइन पर चर्चा हुई थी। 45 मिनट तक चली बातचीत में दोनों पक्षों के बीच आगे सैन्य वृद्धि से बचने और सीमा पर सैन्य तैनाती कम करने पर विचार करने पर सहमति बनी है। दोनों देशों ने 4 दिन के गहन सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष को समाप्त करने के लिए 10 मई को एक समझौता किया था।
शत्रुता को रोकने के समझौते की कोई समाप्ति तिथि नहीं
सेना ने युद्धविराम के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि 12 मई को डीजीएमओ की बातचीत प्रभावी है और महत्वपूर्ण बात यह है कि शत्रुता को रोकने के समझौते की कोई समाप्ति तिथि नहीं है। सेना के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर एक भी गोली चलाने से परहेज करने सहित आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों से बचने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। डीजीएमओ ने सीमा और अग्रिम क्षेत्रों में सेना की तैनाती को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने पर भी सहमति जताई, जो तनाव को कम करने के व्यापक प्रयास को दर्शाता है।
बढ़ गई थी व्यापक सैन्य संघर्ष की आशंका
चार दिनों की तीव्र शत्रुता के बाद 10 मई को यह समझौता हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने ड्रोन, मिसाइलों और लंबी दूरी के हथियारों से एक-दूसरे के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, जिससे व्यापक सैन्य संघर्ष की आशंका बढ़ गई। गौरतलतब है कि आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी और भारत ने आपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ढांचे नष्ट कर हमले का बदला लिया।
पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की
भारतीय सशस्त्र बलों की इस कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। भारतीय पक्ष ने उसे जोरदार जवाब दिया और कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसमें हवाई अड्डे, वायु रक्षा प्रणाली, कमांड और नियंत्रण केंद्र और रडार साइटें शामिल थीं।
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