रूसी राष्ट्रपति ने चीन व भारत का संयुक्त रूस से धन्यावाद किया

Putin in SCO Summit (आज समाज), तियानजिन : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में चीन दौरे पर हैं। आज उनके दौरे का अंतिम दिन है। रविवार को जहां मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की वहीं आज उनकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति से होगी। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति ने शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन के साथ जारी रूस के संघर्ष के दौरान शांति प्रयासों के लिए भारत और चीन के प्रयास सराहनीय रहे। पुतिन ने कहा कि भारत ने हमेशा ही विश्व में शांति प्रयासों में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ‘मैं यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए चीन और भारत के प्रयासों की सराहना करता हूं।’

यूक्रेन संकट पश्चिमी देशों द्वारा दिया हुआ

पुतिन ने कहा कि मैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी अलास्का बैठक के विवरण द्विपक्षीय बैठकों के दौरान नेताओं को बताऊंगा। उन्होंने मॉस्को के इस रुख को दोहराया कि यूक्रेन में संकट किसी आक्रमण के कारण नहीं, बल्कि यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों की ओर से समर्थित कीव में तख्तापलट के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन में हुई सहमति यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करती है।

अमेरिका ने भारत को ठहराया था कसूरवार

दरअसल, नवारो ने भारत पर सस्ते तेल खरीद के जरिए रूस के युद्ध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। नवारो ने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देता है तो उसे अमेरिकी टैरिफ में सीधे 25% की छूट मिल जाएगी। व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी ने यह भी कहा था कि यूक्रेन में शांति का रास्ता कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर जाता है। उन्होंने कहा था कि मेरा मतलब है, यह मूलत: मोदी का युद्ध है, क्योंकि शांति का रास्ता कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर जाता है।

27 अगस्त से लागू है 50 प्रतिशत टैरिफ

ज्ञात रहे कि अमेरिका ने भारत पर नाराजगी जाहिर करते हुए 27 अगस्त से 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया हुआ है। इससे भारत का करीब 49 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होने की संभावना है। इसी टैरिफ से अमेरिका भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह रूस से तेल आयात बंद कर दे।

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