शुक्रवार को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान यह घटकर 84.3 अरब डॉलर पर पहुंचा

Business News (आज समाज), बिजनेस डेस्क : लगातार बदलते वैश्विक परिवेश और टैरिफ के दबाव के चलते बीता सप्ताह भारतीय व्यापार जगत के लिए सही नहीं गुजरा। एक तरफ जहां भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट दर्ज की गई। वहीं भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी गिरा। इसी बीच आरबीआई ने कहा कि सप्ताह के दौरान सोने का भंडार 498 मिलियन डॉलर घटकर 84.348 अरब डॉलर रह गया। साथ ही स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) 66 मिलियन डॉलर घटकर 18.802 अरब डॉलर रह गए। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारतकी आरक्षित स्थिति 24 मिलियन डॉलर घटकर 4.7111 अरब डॉलर रह गई।

विदेशी मुद्रा भंडार में आई इतनी कमी

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 3.064 अरब डॉलर घटकर 696.672 अरब डॉलर रह गया। आरबीआई ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल जमा 3.049 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 699.736 अरब डॉलर रह गया था। सितंबर 2024 के अंत में भंडार 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया था।

शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा आस्तियों में डॉलर के मुकाबले यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं के उतार-चढ़ाव का भी असर शामिल होता है। विदेशी मुद्रा आस्तियां 2.477 अरब डॉलर घटकर 588.81 अरब डॉलर रह गईं।

भारत को चतुराई से काम लेना होगा : रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इस समय बेशक भारत पर टैरिफ का दबाव है, लेकिन भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करते समय बहुत सावधान और चतुराई से काम लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते में सबसे ज्यादा ध्यान कृषि क्षेत्र में देने की है, जिसे विकसीत देशों द्वारा भारी सब्सिडी दी जाती है। पीटीआई को दिए साक्षात्कार में राजन ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6 से 7 प्रतिशत के दायरे में स्थिर हो गई है।

वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं कारण इस पर कुछ असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जहां व्यापार वार्ता अधिक कठिन है, वह कृषि जैसे क्षेत्र हैं, जहां प्रत्येक देश अपने उत्पादकों को सब्सिडी देते हैं। हमारे उत्पादक अपेक्षाकृत छोटे हो सकते हैं, उनकी सब्सिडी कुछ कम हो सकती है। ऐसे में अगर कृषि उत्पादों का बिना नियंत्रण के आयात होता है तो हमारे किसानों के लिए यह मुश्किलें पैदा कर सकता है।