29 अगस्त को जारी होंगे आंकड़े, 6.8 से 7 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद

India GDP Rate (आज समाज), बिजनेस डेस्क : देश की जीडीपी दर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सभी को चौंकाने वाले आंकड़े पेश कर सकती है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में सात फीसदी की दर से बढ़ सकती है। हालांकि आर्थिक विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि सभी को 29 अगस्त को आरबीआई द्वारा जारी किए जाने वाले आंकड़ों की प्रतिक्षा करनी चाहिए। उनका मानना है कि पहली तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 6.5 फीसदी अनुमानित है। यह पूवार्नुमान सांख्यिकीय रूप से पिछली तिमाहियों के आधार पर है।

इस वित्त वर्ष 6.3 की दर से ग्रोथ की उम्मीद

पहली तिमाही में जहां आंकड़े आशानुरूप है लेकिन वार्षिक ग्रोथ में कमी आ सकती है और यह 6.3 तक सीमित हो सकती है। हालांकि आरबीआई के पूरे वित्त वर्ष के 6.5 फीसदी के लक्ष्य से कम है। 2022-23 की पहली तिमाही में यह अंतर 12 फीसदी अंक था, जो 2024-25 की चौथी तिमाही में 3.4 फीसदी अंक रह गया। परिणामस्वरूप पहली तिमाही में नॉमिनल जीडीपी 8 फीसदी तक गिर सकती है।

अमेरिकी टैरिफ से जल्द पार पाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था

अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अल्पकालिक मानते हुए प्रमुख रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि मूडीज, एसएंडपी और फिच जैसी प्रमुख रेटिंग एजेंसियां ट्रंप टैरिफ को भारत के लिए अल्पकालिक चुनौती मानती हैं। हालांकि, अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक परिदृश्य स्थिर और सकारात्मक बना रहेगा। एजेंसियों का आंकलन है कि मजबूत घरेलू खपत, 650 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी मुद्रा भंडार और निर्यात विविधीकरण की क्षमता भारत को इन झटकों से बचा लेगी। एजेंसियों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ का सर्वाधिक असर एल्युमिनियम, स्टील, टेक्सटाइल्स और वाहन उपकरण क्षेत्रों पर पड़ेगा, जिनकी अमेरिकी बाजार पर निर्भरता अपेक्षाकृत अधिक है।

अमेरिका ने भारत पर लगाया है 50 प्रतिशत टैरिफ

ज्ञात रहे कि सात अगस्त को अमेरिका ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था इसके बाद आने वाली 28 अगस्त को 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीद पर जुर्माने के रूप में लगाने की घोषणा की हुई है। अमेरिकी टैरिफ का भारतीय निर्यात विशेषकर फार्मा और कपड़ा उद्योग पर काफी ज्यादा असर पड़ा है।

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