केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व

US-India Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता कुछ समय के गतिरोध के बाद अब सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है। पिछले सप्ताह जहां अमेरिकी दल इस वार्ता के लिए भारत आया था। वहीं आज भारतीय दल अमेरिका जा रहा है। भारतीय दल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कर रहे हैं ओर मंत्रालय ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की योजना पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्र संपन्न करने के उद्देश्य से चर्चा को आगे बढ़ाने की है।

16 सितंबर की बैठक के बाद बने सहमति के आसार

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर 16 सितंबर को अहम बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देशों ने जल्द ही एक समझौता करने की बात पर जोर दिया। दोनों देशों के अधिकारियों ने माना कि एक ऐसा व्यापार समझौता होना चाहिए जिससे दोनों को फायदा हो। हालांकि, अमेरिका ने भारतीय सामान पर ज्यादा टैरिफ लगा रखा है। इस पर भारत ने आपत्ति जताई है। इस मीटिंग का मकसद पहले से अटके हुए व्यापार समझौते को फिर से शुरू करना था। भले ही इसे औपचारिक बातचीत का छठा दौर न माना जाए। लेकिन, यह आगे की बातचीत की तैयारी जरूर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत-अमेरिका के व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने की बात कही थी।

इस घोषणा के बाद बिगड़े थे रिश्ते

दरअसल जून से पहले दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य थे। अप्रैल में अमेरिका ने जिन देशों के खिलाफ टैरिफ लगाने की घोषणा की थी भारत को उससे बाहर रखा था। लेकिन अचानक जून में भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध की स्थिति समाप्त होने के बाद अमेरिकी राष्टÑपति ने यह बयान दिया कि दोनों देशों के बीच संभावित युद्ध उन्होंने रुकवाया है। पाकिस्तान ने भी ट्रंप की हां में हां मिलाते हुए उसे शांति का नोबेल पुरस्कार देने की मांग कर दी।

जबकि भारत ने इस बात से इंकार कर दिया कि युद्ध रुकवाने में ट्रंप या किसी अन्य तीसरे पक्ष की अहम भूमिका थी। भारत की इसी बात से खफा होकर ट्रंप ने भारी भरकम टैरिफ भारत पर थोप दिए। इसके बाद ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से तेल आयात को भी टैरिफ का एक कारण बताया।

सीईए ने दिया था बड़ा बयान

भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। दरअसल गुरुवार को वी. अनंत नागेश्वरन ने भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद अगले दो महीनों में सुलझ सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि अमेरिका की ओर से भारत के खिलाफ लगाया गया दंडात्मक टैरिफ वापस लिए जाने की संभावना है। नागेश्वरन ने यह भी संकेत दिया कि पारस्परिक टैरिफ को 25 प्रतिशत से घटाकर लगभग 15 प्रतिशत करने के लिए बातचीत चल रही है। इससे निर्यातकों में आशा की किरण जगी है।

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