केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार, घबराने की जरूरत नहीं
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : विश्व में अपनी धाक जमाने के लिए अमेरिकी राष्टÑपति लगातार प्रयासरत्त हैं। एक तरफ जहां वे नई टैरिफ दरों से देश के ज्यादात्तर देशों के खिलाफ दबाव बना रहे हैं। वहीं विश्व की अन्य महाशक्तियों को भी किसी न किसी तरीके से दबाव में लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसका एक उदाहरण पिछले दिनों चीन के साथ टैरिफ को लेकर छिड़े विवाद के रूप में देखने को मिला।
हालांकि इसमें अमेरिका की कूटनीतिक हार हुई और आखिरकार उसे समझौता करना पड़ा। अब अमेरिका रूस पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटा है। अमेरिका ने रूस व उससे व्यापार करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। अमेरिकी राष्टÑपति के बयान और अमेरिका से भारत की चल रही व्यापार वार्ता के बीच भारत के पेट्रोलियम और गैस मंत्री हरदीप पुरी का बड़ा बयान सामने आया है।
ये बोले कैबिनेट मंत्री
अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार वार्ता के बीच भारत ने रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने की आशंका को ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा, वह अपनी तेल आयात की जरूरतें पूरी करने के लिए वैकल्पिक स्रोतों से खरीदारी बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक भारत रूस से तेल की आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा से निपटने के लिए अन्य देशों से तेल खरीद सकता है। पुरी ने रूस पर संभावित अमेरिकी प्रतिबंधों के असर को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, मेरे दिमाग में इसे लेकर किसी तरह का दबाव नहीं है। भारत तेल आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाया है।
हम पहले 27 देशों से तेल खरीदते थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब करीब 40 हो गई है। रूस तीन वर्षों में भारत के प्रमुख तेल स्रोत के रूप में उभरकर सामने आया है। भारत के कुल कच्चे तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी अब 40 फीसदी है। पुरी ने कहा, रूस के अलावा ब्राजील, कनाडा और गुयाना जैसे देशों से भी कच्चे तेल की आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है।
भारत को अमेरिका के फैसला का करना चाहिए विरोध
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) का कहना है, भारत को रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करने के अमेरिकी दबाव में नहीं आना चाहिए और उसका विरोध करना चाहिए। रूसी तेल आयात से भारत को महंगाई को काबू में करने और अस्थिर वैश्विक माहौल में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदारों पर 100 फीसदी तक शुल्क लगाने की चेतावनी दी है।
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