कहा, भारत निर्यात में विविधता लाए और एफटीए को तेज करे
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष एस महेंद्र देव ने निवेश दर को विकास का चालक बताते हुए कहा कि भारत को 7 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने के लिए निवेश दर को वर्तमान 31 से 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 से 35 प्रतिशत करने की आवश्यकता है। निजी क्षेत्र को भारत में अधिक निवेश करना चाहिए क्योंकि अब दोहरी बैलेंस शीट की कोई समस्या नहीं है।देव ने कहा कि सरकारी पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है। इसका गुणक प्रभाव होगा। साथ ही ग्रामीण और शहरी मांग में वृद्धि से निजी निवेश में वृद्धि होगी।
इस तरह से बढ़ाना होगा भारत को निर्यात
निर्यात में विविधता लाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत तेज करनी चाहिए और अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगटन के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए। देव ने कहा कि सुरक्षा नीतियों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कमी के बावजूद, भारत के लिए विश्व वस्तु व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बहुत सारे अवसर हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, विनिर्माण के लिए भारत की व्यापार नीति एशिया, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, कुछ विकसित देशों में निर्यात में विविधता लाने, एफटीए को तेज करने और अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखने की होनी चाहिए।
मध्यम स्तर की विनिर्माण इकाइयों पर जोर
उन्होंने यह भी बताया कि भारत के आकार का कोई भी उभरता हुआ बाजार मजबूत निर्यात वृद्धि के बिना एक दशक या उससे अधिक समय तक 7 या 8 प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ा है। देव ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में 200 से 500 श्रमिकों वाली कई मध्यम स्तर की विनिर्माण इकाइयां होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में, अन्य बातों के अलावा, बड़ी समस्या यह है कि अधिकांश कम्पनियां 10 से कम श्रमिकों के साथ काम कर रही हैं और उनका आकार छोटा है।
2043 तक जीडीपी में भारत की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का अनुमान
उन्होंने कहा कि 1700 ई. में विश्व सकल घरेलू उत्पाद में भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत थी। कुछ अनुमानों से पता चलता है कि 2043 तक विश्व सकल घरेलू उत्पाद में भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत हो जाने की संभावना है। देव ने कहा कि सुधारों के बाद के पिछले तीन दशकों में भारत की औसत वृद्धि दर 6 से 6.5 प्रतिशत प्रति वर्ष रही है।
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