India Lashed Out Pakistan In UNSC Meeting, (आज समाज), न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक में आतंकवाद पर पड़ोसी मुल्क को एक बार फिर जमकर सुनाया है। पाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित यूएनएससी की एक बैठक में संयुक्त राष्ट में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश (Parvathaneni Harish) ने पड़ोसी देश को कट्टरपंथ में डूबा एक लगातार कर्जदार देश बताया और कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को गंभीर कीमत चुकानी होगी।

उच्च-स्तरीय खुली बहस में राष्ट्रीय वक्तव्य दे रहे थे : पर्वतनेनी

पर्वतनेनी हरीश मंगलवार को यूएनएससी की बैठक में ‘बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना’ विषय पर मंगलवार को आयोजित उच्च-स्तरीय खुली बहस में राष्ट्रीय वक्तव्य दे रहे थे। जुलाई के लिए 15 देशों की परिषद की पाकिस्तान की अध्यक्षता में यह बहस आयोजित की गई थी।पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इस खुली बहस की अध्यक्षता की, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी संबोधित किया।

आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता जरूरी

पर्वतनेनी हरीश ने कहा, जब हम अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा कर रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांत हैं जिनका सार्वभौमिक तौर पर सम्मान किया जाना चाहिए। उनमें से एक है आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने राष्ट्रीय स्तर पर बहस में जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ सिंधु जल संधि का भी मुद्दा उठाया।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने  सिंधु जल संधि को रखा है स्थगित

बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक हमले के बाद, भारत ने निर्णय लिया कि 1960 की सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन नहीं छोड़ देता। डार की टिप्पणियों पर पर्वतनेनी  हरीश ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप प्रगति, समृद्धि और विकास मॉडल के मामले में बिल्कुल विपरीत है।

आईएमएफ से लगातार कर्ज ले रहा पाकिस्तान

पर्वतनेनी हरीश ने कहा, एक ओर भारत है, जो एक परिपक्व लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक बहुलवादी एवं समावेशी समाज है, दूसरी ओर पाकिस्तान है,कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से लगातार कर्ज ले रहा है। इस साल मई में, आईएमएफ ने विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के तहत पाकिस्तान को लगभग एक अरब डॉलर के वितरण को मंजूरी दी थी, जिससे इस व्यवस्था के तहत कुल वितरण लगभग 2.1 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।

आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को चुकानी पड़ेगी बड़ी कीमत

पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के गुट, द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन देशों को गंभीर कीमत चुकानी चाहिए जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर अच्छे पड़ोसी और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की भावना का उल्लंघन करते हैं। भारतीय दूत ने कहा, परिषद के किसी सदस्य के लिए यह उचित नहीं है कि वह ऐसे आचरण में लिप्त रहते हुए उपदेश दे जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अस्वीकार्य हैं।

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