जर्मन के विदेश मंत्री ने दो दिवसीय भारत दौरे के दौरान दिया बड़ा बयान

India-EU Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्तमान समय में विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाएं एक तरफ जहां अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ से जूझ रहीं हैं। वहीं इस प्रतिकूल समय में कई नए व्यापारिक समीकरण भी बदल रहे हैं। ज्यादात्तर देश अमेरिका पर अपनी निर्भरता से बाहर निकलते हुए एक दूसरे से व्यापार करके अपनी जरूरतें पूरी करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के चलते वर्तमान में बड़ी संख्या में एफटीए (मुक्त व्यापार समझौते) हो रहे हैं। भारत भी उन देशों में से एक है जो इस उपाय के जरिये अपनी अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के प्रयास में जुटें हैं।

यह बोले जर्मन विदेश मंत्री

भारत और जर्मनी ने व्यापार सुविधा और बाजार पहुंच को मजबूत करने पर चर्चा की। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में भारत और जर्मनी के कारोबारी प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक की। इस बैठक की सह-अध्यक्षता जर्मनी के संघीय विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने की। जर्मन विदेश मंत्री दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। पीयूष गोयल ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि हमने रक्षा, अंतरिक्ष, नवाचार और आॅटोमोबाइल में सहयोग के अवसरों की भी खोज की।

इससे हमारी साझेदारी की व्यापक संभावना पर बल मिला। यात्रा के दौरान, जर्मन विदेश मंत्री ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द ही अंतिम रूप देने के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता की दोबारा पुष्टि की। भारत और यूरोपीय संघ का लक्ष्य 2025 के अंत तक महत्वकांक्षी एफटीए को पूरा करना है।

ईएफटीए से मुक्त व्यापार समझौता एक अक्टूबर से होगा लागू

बदलते वैश्विक परिवेश और अमेरिकी टैरिफ का हल तलाशने के लिए पिछले कुछ माह में भारत ने ब्रिटेन, कनाडा, अरब देश और यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते करने पर जोर दिया है। इन सभी में से एक प्रमुख व्यापार समझौता भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के बीच हुआ है। यह मुक्त व्यापार समझौता 1 अक्तूबर से लागू होगा। इसमें व्यापार और सतत विकास पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रावधान होंगे।

इस संबंध में जानकारी देते हुए स्विट्जरलैंड की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पहली बार भारत ने मुक्त व्यापार समझौते में व्यापार और सतत विकास पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रावधान निर्धारित किए हैं। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। दोनों पक्षों ने 10 मार्च, 2024 को व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे।

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