दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर किए हस्ताक्षर
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : गुरुवार को भारत और ब्रिटेन ने आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री मौजूद रहे। इस ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर के साथ ही अब दोनों देशों के व्यापार रिश्ते नए आयाम स्थापित करेंगे। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में नया अध्याय जुड़ गया है।
इस समझौते पर बात करते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई ) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा सीआईआई लंबे समय से एक व्यापक और दूरदर्शी भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता का समर्थक रहा है। यह एफटीए हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक क्षण है, जो समावेशी विकास, आर्थिक लचीलेपन और औद्योगिक परिवर्तन के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दिखाता है। यह भारतीय और ब्रिटिश व्यवसायों के बीच गहन बाजार पहुंच, नियामक सहयोग और अगली पीढ़ी की साझेदारियों के लिए मजबूत आधार तैयार करता है।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने दिया समझौते को औपचारिक रूप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस समझौते को औपचारिक रूप दिया गया। भारत और यूके के बीच एफटीए का स्वागत करते हुए उद्योग जगत ने कहा कि इससे व्यापार बाधाओं में कमी आने, निवेशकों का विश्वास बढ़ने और संयुक्त उद्यमों व प्रौद्यौगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह समझौता भारत और यूके के व्यापार को ही नहीं विश्व व्यापार को नई दिशा देगा, तब जब अमेरिकी टैरिफ को लेकर इतना उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है लक्ष्य
सीआईआई के अनुसार पिछले पांच वर्षों में भारत ने ब्रिटेन के साथ एक सकारात्मक व्यापार संतुलन को बनाए रखा है, जो प्रमुख व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। दोनों अर्थव्यवस्थाओं का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करके 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। वर्तमान समय में 970 से अधिक भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में कार्यरत हैं, जे कॉपोरेटे कर में लगभग 1.17 अरब पाउंड का योगदान देती है और लगभग 11 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं।
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