कहा, दोनों देशों के बीच भविष्य में मिलकर आगे बढ़ने पर बनी सहमति

Today Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्टÑपति के बीच करीब 10 माह बाद बैठक हुई। हालांकि रविवार को हुई इस 50 मिनट की बैठक इसलिए अहम थी क्योंकि इसपर पूरी दुनिया की नजर थी। बैठक के दौरान दोनों देशों के प्रमुखों ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को अपनी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।

इस बैठक में हुई चर्चा का ब्यौरा देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि बैठक में दोनों नेताओं ने जोर दिया कि भारत और चीन अपने घरेलू विकास लक्ष्यों पर केंद्रित हैं और इस दिशा में वे प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि साझेदार हैं। उन्होंने माना कि स्थिर और मित्रतापूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि 2.8 अरब लोगों के जीवन के लिए भी फायदेमंद होंगे।

आज समाप्त होगा पीएम का दौरा

ज्ञात रहे कि अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दो दिन के जापान दौरे पर थे जहां उन्होंने अरबों डॉलर के दर्जनों समझौतों को अंतिम रूप दिया। इसके बाद उन्होंने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से तियानजिन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की एक साल से भी कम समय में दूसरी मुलाकात है। पिछली बार दोनों ने अक्तूबर 2024 में कजान (रूस) में मुलाकात की थी।

बेहतर रिश्ते बनाने के लिए जिनपिंग ने दिए ये सुझाव

चीन के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए चार सुझाव दिए- डिप्लोमेटिक संवाद बढ़ाना, आपसी भरोसा मजबूत करना, आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाना, एक-दूसरे की चिंताओं का ध्यान रखना और ग्लोबल मंचों पर साझा हितों की रक्षा करना। सीमा विवाद और अन्य मुद्दे- दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को आपसी सम्मान और दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखकर हल करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने व्यापार संतुलन, लोगों के बीच संपर्क, सीमा पार नदियों पर सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने पर भी बात की।

पीएम मोदी और पुतिन की आज होगी मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तियानजिन में सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाने और पुतिन व यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच युद्धविराम और बातचीत की जरूरत पर जोर देने की उम्मीद है।

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