दोनों नेताओं के बीच 50 मिनट हुई बात, पीएम मोदी सात साल बाद चीन के दौरे पर गए, मोदी ने जिनपिंग को भारत में आयोजित ब्रिक्स 2026 में आने के लिए न्योता दिया।
PM Modi China Visit Update (आज समाज), नई दिल्ली : देश के पीएम नरेंद्र मोदी इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं। वैसे तो पीएम मोदी चीन में एससीओ की मीटिंग में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। लेकिन दुनिया भर की निगाहें भारत, रूस और चीन प्रमुखों के बीच होने वाली वार्ता और समझौतों पर टिकी हुई है। बातचीत के बाद दोनों देशों के नेताओं ने कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि साझेदार हैं। दोनों देशों के दोस्ताना रिश्ते 2.8 अरब लोगों के लिए फायदेमंद होंगे।
एशिया और दुनिया में मल्टी पोलर सिस्टम के लिए भारत-चीन का सहयोग जरूरी है। ज्ञात रहे कि अमेरिकी राष्टÑपति द्वारा भारत, चीन, रूस और जापान पर अनुचित तरीके से टैरिफ के द्वारा बनाए जा रहे दबाव के बीच भारत के पीएम मोदी जापान और चीन के दौरे पर गए हैं। बीते दिनों जहां मोदी की अध्यक्षता में भारत और जापान में दर्जनों समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। वहीं अब आज भारत और चीन के बीच भी टैरिफ के दबाव को कम करने के लिए कुछ ठोस कदम मिलकर उठाने की उम्मीद की जा रही है।
पीएम ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा
इससे पहले पीएम मोदी ने जिनपिंग के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी ने इसे वैश्विक मुद्दा बताया और साथ देने की मांग की। वहीं, मीटिंग में जिनपिंग ने कहा कि पीएम मोदी से मिलकर खुशी हुई। ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) को साथ आना चाहिए।
गलवान झड़प के बाद मोदी का पहला चीन दौरा
जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है। ज्ञात रहे कि एससीओ की बैठक में 20 से ज्यादा देश शामिल हुए। मोदी और पुतिन के साथ-साथ सेंट्रल एशिया, मिडिल ईस्ट, साउथ एशिया और साउथ-ईस्ट एशिया के नेता भी इस समिट में शामिल हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात का डिटेल ब्योरा दिया। यह पिछले एक साल में दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले दोनों अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में मिले थे।
दोनों देशों में इन मुद्दों पर बनी सहमति
अक्टूबर 2024 के समझौते के बाद गलवान और देपसांग जैसे संवेदनशील इलाकों से सैनिक पीछे हटाए गए। अब पूर्वी और मध्य सेक्टर पर भी बातचीत चल रही है। पांच साल बाद भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरू हुईं। चीन ने भारत को रेयर अर्थ मिनरल्स बेचने और खाद-मशीनरी सप्लाई करने का भरोसा दिया है। नाथु ला दर्रे से बॉर्डर ट्रेड फिर से शुरू करने पर भी बातचीत हुई। चीन ने भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर जाने की अनुमति दी। पत्रकारों और पर्यटकों के लिए वीजा नियम आसान किए गए। ब्रह्मपुत्र नदी पर डेटा शेयरिंग भी दोबारा शुरू हो गई है।
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