एफटीए और दोगुना योगदान संधि पर जल्द हस्ताक्षर करेंगे दोनों देश
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा लागू की गई नई टैरिफ नीति को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के बीच भारत ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ब्रिटेन के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। दोनों देश निकट भविष्य में जल्द ही बड़े समझौते करने जा रहे हैं।
इस संबंधी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर से बातचीत के बाद पिछले दिनों की। दोनों देशों के बीच ‘मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए)’ और ‘दोगुना योगदान संधि’ (डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन) को अंतिम रूप दे दिया है। यह समझौता दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को मजबूती देगा और कई क्षेत्रों में नई संभावनाएं खोलेगा।
एक्स पर पीएम ने यह पोस्ट की
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में भारत और ब्रिटेन ने दोगुने योगदान समझौते के साथ-साथ एक महत्वकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। ये ऐतिहासिक समझौते हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेंगे और हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, विकास, रोजगार एव नवोन्मेषण को बढ़ावा देंगे।
ब्रिटिश पीएम को दिया यात्रा का निमंत्रण
उन्होंने आगे कहा कि वह जल्द ही भारत में स्टार्मर का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। दोनों नेताओं ने इसे द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी में ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, नवोन्मेषण और रोजगार सृजन को बढ़ाा देगा। मोदी और स्टार्मर इस बात पर सहमत हुए कि दुनिया की दो बड़ी और खुली बाजार अर्थव्यवस्थाओं के बीच ऐतिहासिक समझौते से कंपनियों के लिए नए अवसर खुलेंगे, आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और लोगों के आपसी संबंध गहरे होंगे।
दोनों देशों को फायदा होगा
एफटीए एक ऐसा समझौता है, जिसमें दो देश एक-दूसरे के साथ वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार आसान और सस्ता बनाते हैं। इसमें कर (आयात शुल्क) कम किए जाते हैं या हटाए जाते हैं, जिससे दोनों देशों के कारोबारियों को फायदा होता है। भारत और यूके के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और दोगुना योगदान संधि के तहत कई लाभ प्राप्त होंगे। साथ ही यह समझौता दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को मजबूती देगा और कई क्षेत्रों में नई संभावनाएं खोलेगा।