36 घंटे तक निर्जला उपवास रखकर सूर्य देव और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है महिलाएं
Chhath Vrat, (आज समाज), नई दिल्ली: छठ पूजा चल रही है। छठ पूजा का रविवार को दूसरा दिन था। पहले दिन खरना पूजन के बाद व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही शुरू हो गया उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत। सोमवार संध्या अर्घ्य का दिन है, जिसमें अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा। इसके बाद छठ पूजा संपन्न हो जाएगी।

व्रतियों द्वारा 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखकर सूर्य देव और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जाती है, लेकिन कई बार सेहत, कमजोरी या किसी और कारण से व्रत खंडित हो जाता है। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्या छठी मैया नाराज हो जाएंगी? ऐसे में चलिये जानते हैं कि किसी कारणवश अगर निर्जला व्रत टूट जाता है, तो पूजा के नियमों के अनुसार किस तरह से प्रायश्चित किया जाए, ताकि कोई दोष न लगे।

क्षमा याचना

इस 36 घंटे के कठिन व्रत में मन, शरीर और आत्मा को तपाया जाता है, ताकि तीनों शुद्ध हो जाएं, लेकिन अगर किसी मजबूरी, बीमारी या कमजोरी की वजह से व्रत पूरा न हो पाए तो इसे लेकर परेशान होने और घबराने की जरूरत नहीं है।

अगर व्रत पूरा न हो पाए और अधूरा रह जाए तो छठ मैया से क्षमा मांग लेनी चाहिए। क्षमा मांंगने के बाद दोबारा व्रत का संकल्प लिया जा सकता है। इसके लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं।

व्रत टूटने पर ऐसे करें प्रायश्चित

शस्त्रों में बताया गया है कि निर्जला व्रत टूट जाने की स्थिति में प्रायश्चित करना चाहिए। सबसे पहले स्नान करना चाहिए। इसके बाद शांत मन से छठी मैया के सामने दीप जलाना चाहिए। क्षमा प्रार्थना करनी चाहिए।

मन में कहना चाहिए हे छठी मैया, मुझसे अनजाने में भूल हुई है, कृपा करके मुझे क्षमा करें। इसके बाद पंडित से सलाह लेकर दान भी किया जा सकता है। छठी मैया मां स्वरूप मानी जाती हैं। मां अपने बच्चों से कभी नाराज नहीं होती। छठी मैया अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।