6.5 से घटाकर अब 6.2 किया

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वैश्विक चुनौतियों और भूगौलिक परिस्थितियों को सामने रखते हुए आईसीआरए ने भारत की जीडीपी की वृद्धि दर वर्ष 2025-26 के लिए कम कर दी है। हालांकि एजेंसी ने यह भी भरोसा जताया है कि भारत विश्व की उन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा जो तेजी से विकास कर रहीं हैं। लेकिन इसी बीच उसने भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.2% कर दिया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2025 में यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिम एशिया तनाव, वित्तयी बाजारों में अस्थिरता और अनिश्चित व्यापार नीतियां भारत के जीडीपी के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं।

एजेंसी ने यह अनुमान भी जताया

आईसीआरए के अनुसार अगर मानसून समान्य रहता है और कच्चे तेल की कीमतें औसतन 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहती हैं, तो भारत 6.2% की विकास दर हासिल कर सकता है। लेकिन यदि कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है और मानसून में किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो यह दर कुछ कम भी हो सकती है। एजेंसी का मानना है कि मई 2025 में मानसून के जल्दी आने से बिजली और खनन क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके बावजूद कृषि क्षेत्र में स्थिति थोड़ी बेहतर होने की उम्मीद है।

तेजी से विकास कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि इस बात का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि टैरिफ विवाद और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच हमने निर्यात को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात 825 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

यह पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि जहां भारत वैश्विक निर्यात में केवल 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं भारत निर्यातक व्यापार मोर्चे पर वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद तेजी से आगे बढ़ने और 6.3 प्रतिशत की वृद्धि को पार करने में सफल रहे। 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्यात को बढ़ावा देने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

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