कहा, यह दुख की बात की पड़ोसी राज्य हमारे हक पर डाका डालने की फिराक में

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब और पंजाबियों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि मैं पंजाब और पंजाबियों के हितों के लिए चट्टान की तरह खड़ा हूं और किसी को भी पंजाब के हक छीनने की इजाजत नहीं दूंगा।

आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कल उत्तरी जोनल काउंसिल की 32वीं बैठक के दौरान सभी सदस्य राज्यों ने अपने-अपने मुद्दों पर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सहित अधिकांश राज्य पंजाब के हकों पर डाका डालने के लिए पूरी तरह तुले हुए थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दुर्भाग्य से हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश हमारे हक छीनने के लिए अनुचित दबाव बना रहे हैं।

हमारे पानी में हिस्सा मांगना अनुचित

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन राज्यों की गैर-जिम्मेदाराना नेतृत्व ने प्रदेश के संसाधनों और यहां तक कि नदी जल में हिस्सा मांगकर उत्तरी जोनल काउंसिल जैसे प्रतिष्ठित मंच का मखौल उड़ाया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में सभी सदस्य राज्यों ने अपने विचार रखे और प्रदेश के मुखिया होने के नाते उन्होंने भी पंजाब का पक्ष रखा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कुल 28 एजेंडा आइटम में से 11 पंजाब से संबंधित थे और पहली बार प्रदेश सरकार के सख्त प्रयासों के कारण इन सभी को स्थगित कर दिया गया।

पिछली सरकारों ने पैदा किए यह मुद्दे

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मुद्दे वास्तव में अकाली, भाजपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों द्वारा पंजाब और इसके लोगों के लिए बोए गए कांटे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन मुद्दों को हल करने के लिए कड़े प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

नदियों के पानी का दोबारा मुल्यांकन किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग नदी जल को लेकर हंगामा कर रहे हैं, उन्हें एक बात समझ लेनी चाहिए कि नदी जल की वास्तविक उपलब्धता का वास्तविक समय मूल्यांकन किया जाना चाहिए, जिसके लिए पानी की मौजूदगी की समीक्षा की जानी चाहिए। नदी जल, राजधानी, पंजाब यूनिवर्सिटी और हेडवर्क्स के बारे में बोलते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह दुखद है कि हर दूसरा राज्य पंजाब के अधिकारों में हिस्सा मांग रहा है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रदेश सरकार पंजाब के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।