नकली शहद बन सकता है जहर
Real And Fake Honey, (आज समाज), नई दिल्ली: शहद हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इसे न सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि सेहत के लिए भी अमृत माना जाता है। आयुर्वेद और विज्ञान दोनों ही शहद को प्राकृतिक ऊर्जा का स्रोत, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला और पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला मानते हैं। लेकिन आजकल बाजार में असली और नकली शहद के बीच फर्क करना आसान नहीं रह गया है। आइए जानें कैसे पहचानें असली शहद और क्यों जरूरी है इसका सही चयन।

बढ़ती मांग के बीच बढ़ी मिलावट

आजकल शहद की डिमांड बहुत ज्यादा है। इसी का फायदा उठाकर कई कंपनियां नकली या मिलावटी शहद बेच रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, नकली शहद स्वाद में तो असली जैसा लगता है, लेकिन इसमें मौजूद केमिकल और सिरप शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। खासकर यह लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।

नकली शहद में क्या होती है मिलावट?

डॉक्टर अनिल पटेल बताते हैं कि बाजार में मिलने वाले अधिकतर नकली शहद में कॉर्न सिरप और रिफाइंड शुगर सिरप मिलाया जाता है। ये सिरप ज्यादातर चीन से आयात किए जाते हैं और प्रोसेसिंग के बाद इनका रंग और स्वाद असली शहद जैसा बना दिया जाता है। यही वजह है कि आम उपभोक्ता इन्हें असली समझ लेते हैं।

क्यों है असली शहद सेहत के लिए जरूरी

असली शहद में प्राकृतिक एंजाइम, विटामिन, मिनरल्स और एंटीआॅक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। ये शरीर को ऊर्जा देते हैं, इम्युनिटी बढ़ाते हैं और पाचन में मदद करते हैं। जबकि नकली शहद में ये सभी पोषक तत्व नहीं होते। लंबे समय तक मिलावटी शहद का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और लिवर व किडनी पर बुरा असर पड़ता है।

घर पर ऐसे करें शहद की शुद्धता की पहचान

  • पानी से करें टेस्ट: एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद डालें। असली शहद गाढ़ा होता है और नीचे बैठ जाता है। नकली शहद पानी में जल्दी घुल जाता है।
  • आग से करें टेस्ट: कॉटन की बत्ती पर थोड़ा शहद लगाकर उसे जलाने की कोशिश करें। अगर बत्ती जल जाए तो शहद शुद्ध है। नकली शहद में नमी होने के कारण बत्ती नहीं जलेगी।
  • पेपर से करें टेस्ट: सफेद कागज पर शहद की कुछ बूंदें डालें। असली शहद गाढ़ा होता है और फैलता नहीं। मिलावटी शहद पतला होता है और कागज पर दाग छोड़ देता है।