बादल फटने और बाढ़ से हुए नुकसान का लेंगे जायजा 

Amit Shah Jammu Visit (आज समाज), जम्मू : हिमाचल के साथ-साथ इस मॉनसून सीजन में जम्मू-कश्मीर में भी बारिश, बादल फटने की घटनाओं और बाढ़ ने आम जनजीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। मौसम विज्ञानिकों का मानना है कि इस साल बारिश ने यहां पर पिछले करीब 135 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला है। वहीं भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी दी है।

वहीं जम्मू संभाग में बाढ़, भूस्खलन एवं बादल फटने से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अब सोमवार को जम्मू आएंगे। वह सुबह करीब 10:45 बजे से प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों कटड़ा, रियासी, रामबन, कठुआ, चिशोती का हवाई निरीक्षण करेंगे। इसके बाद सुबह 11:30 बजे राजभवन जम्मू में उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। पहले अमित शाह के रविवार की शाम सात बजे जम्मू पहुंचने की सूचना थी। बताया जा रहा है कि कुछ बदलाव होने के चलते अब वह सोमवार को जम्मू पहुंचेंगे।

इन क्षेत्रों में ढलान खिसकने से बिगड़े हालात

रामबन और रियासी में पुराने भूस्खलन क्षेत्र फिर सक्रिय हो गए हैं। सैकड़ों साल पुराने इन क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा से हालात बिगड़ रहे हैं। खासकर, नाशरी टनल से लेकर पंथ्याल तक का 20-30 किलोमीटर का क्षेत्र बेहद संवेदनशील हो गया है। जम्मू स्थित पश्चिमी हिमालय अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक और रामबन में भूस्खलन पर लंबे समय तक कार्य कर चुके रियाज मीर के अनुसार, एनएच-44 पर विकास संबंधी गतिविधियां, जैसे सड़क बनाने के लिए चट्टानों का काटा जाना, इस इलाके से एमबीटी (मेन बाउंड्री थ्रस्ट) का गुजरना, जलवायु में बदलाव और रामबन की मुरी चट्टान संरचना, ये सब मिलकर रामबन को भूस्खलन के लिए बेहद संवेदनशील बनाते हैं। चट्टानों को काटे जाने से ढलान अस्थिर हो जाती है। मिट्टी का क्षरण अधिक होता है। ऐसे में अत्यधिक वर्षा मलबे को अपने साथ बहा ले जाती है।

4 दिन बाद खुला जम्मू-श्रीनगर हाईवे

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को एनएचएआई ने बहाल कर दिया है। हाईवे-44 पर करीब 72 घंटों से फंसे दो हजार वाहन श्रीनगर और जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं। एनएचएआई ने भूस्खलन संभावित क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है और भारी मशीनों को तैनात कर दिया है। बीते दिनों कई स्थानों पर भूस्खलन से हाईवे पर आवाजाही बंद थी। सबसे ज्यादा असर उधमपुर, रामबन और बनिहाल के बीच पड़ा था। 26 अगस्त को भारी बारिश से यहां सड़क का बड़ा हिस्सा तबाह हो गया था।

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