Home Loan(आज समाज) : होम लोन के लिए रिजेक्शन मिलना किसी के लिए भी बड़ी निराशा हो सकती है, लेकिन यह सफर का अंत नहीं है। थोड़ी प्लानिंग और स्मार्ट कदम उठाकर आप बैंक के ‘नहीं’ को ‘हाँ’ में बदल सकते हैं। यहां 7 आसान और असरदार तरीके दिए गए हैं जो आपकी फाइनेंशियल चिंताओं को कम करेंगे और घर खरीदने के आपके सपने को पूरा करने में मदद करेंगे।
को-एप्लीकेंट जोड़ने पर करें विचार
अगर आपकी इनकम कम है या आपका CIBIL स्कोर खराब है, तो अकेले अप्लाई करने के बजाय को-एप्लीकेंट जोड़ने पर गंभीरता से विचार करें। अपने पति/पत्नी, माता-पिता या बच्चों को को-एप्लीकेंट के रूप में जोड़ने से आपकी लोन चुकाने की क्षमता बढ़ जाती है। दो लोगों की कुल इनकम से बैंक को भरोसा होता है और अप्रूवल की संभावना काफी बढ़ जाती है। बैंक को लगता है कि अगर एक एप्लीकेंट किस्तें नहीं दे पाता है, तो दूसरा एप्लीकेंट देगा, जिससे उनका रिस्क कम हो जाता है।
डाउन पेमेंट बढ़ाएं और लोन अमाउंट कम करें
बैंक हमेशा लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो को देखते हैं। ज्यादा डाउन पेमेंट देकर आप बैंक का रिस्क काफी कम कर सकते हैं। जब लोन अमाउंट कम होता है, तो EMI (समान मासिक किस्त) भी कम हो जाती है। कम EMI से बैंक को यह भरोसा होता है कि आप आसानी से किस्तें चुका सकते हैं, जिससे लोन अप्रूव होना आसान हो जाता है। यह कदम आपकी फाइनेंशियल ताकत दिखाता है।
CIBIL स्कोर रिजेक्शन का सबसे आम कारण
खराब CIBIL स्कोर होम लोन रिजेक्शन का सबसे आम कारण है। 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है। इसे सुधारने के लिए, अपनी EMI समय पर दें, पुराने कर्ज जल्द से जल्द चुकाएं और अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती हो तो उसे ठीक करें। एक बार आपका स्कोर सुधर जाए, तो कुछ महीने बाद दोबारा अप्लाई करें। अच्छा CIBIL स्कोर भरोसे का संकेत है।
Fixed Obligation to Income Ratio (FOIR) सुधारें
बैंक आपके FOIR (Fixed Obligation to Income Ratio) को देखते हैं। अगर यह 50% से ज्यादा है, तो लोन रिजेक्ट हो सकता है। Fixed Obligation का मतलब है आपकी मासिक सैलरी का वह हिस्सा जो आप मौजूदा लोन (जैसे पर्सनल लोन, कार लोन) और क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। नया लोन लेने से पहले, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड बैलेंस जैसे छोटे कर्ज चुकाकर अपना FOIR कम करें।
कम FOIR का मतलब है कि आपके पास नई EMI चुकाने के लिए पर्याप्त मासिक इनकम है। लोन की अवधि बढ़ाएँ
लोन की अवधि बढ़ाने से आपकी मासिक EMI कम हो जाती है। कम EMI का मतलब है कि आपकी मासिक आय में ज़्यादा बचत होगी, जिससे बैंक को यह भरोसा होगा कि आप समय पर लोन चुका देंगे। हालाँकि, लंबी अवधि में आपको ज़्यादा कुल ब्याज देना पड़ सकता है, लेकिन यह लोन मंज़ूरी के आपके चांस बढ़ाने का एक आसान तरीका है।
फाइनेंशियल रिकॉर्ड
उसी बैंक से लोन के लिए आवेदन करें जहाँ आपका सैलरी या सेविंग अकाउंट है। यह बैंक पहले से ही आपके फाइनेंशियल रिकॉर्ड से परिचित है, इसलिए यह उन्हें भरोसा करने में आसान बनाता है। बैंक लंबे समय से उनके ग्राहक रहे लोगों को आसानी से लोन देते हैं क्योंकि वे उनकी फाइनेंशियल स्थिति जानते हैं।
नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी
अगर आपका बैंक बार-बार लोन देने से मना कर रहा है, तो किसी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के बारे में सोचें। NBFC के नियम बैंकों की तुलना में थोड़े लचीले होते हैं, और आप कम क्रेडिट स्कोर पर भी लोन ले सकते हैं। हालाँकि, ध्यान रखें कि ब्याज दरें बैंकों की तुलना में थोड़ी ज़्यादा हो सकती हैं, इसलिए सोच-समझकर चुनें।