Himachal Monsoon Fury, (आज समाज), शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस मानसून ने बड़े पैमाने पर कहर बरपाया है। अब मौसम कुछ साफ होने लगा है लेकिन अबकी मानसून की बरसात पूरे राज्य में तबाही का मंजर छोड़ गई है। 20 जून को मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 360 से ज्यादा लोग विभिन्न हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। सैकड़ों पशु आश्रय स्थल व ग्रामीण बुनियादी ढांचा भी नष्ट हो गया है और बचाव अभियान जारी है।

मानसून की शुरुआत से करीब 50 लोग लापता

कुल मौतों में 190 से ज्यादा लोगों की मौत भूस्खलन, डूबने, अचानक बाढ़ व बिजली गिरने के कारण हुई है। वहीं 160 से अधिक लोग अन्य बर्षाजनित व सड़क दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बने हैं। मानसून की शुरुआत के बाद से 410 से ज्यादा लोग घायल हैं और करीब 50 लापता हैं।

सभी 12 जिलों में मानसून ने तबाही

राज्य के सभी 12 जिलों में मानसून ने तबाही मचाई है। सबसे ज्यादा 58 लोगों की मौत अकेले मंडी जिले में हुई है। इसके बाद कांगड़ा जिले में 50, चंबा में 43, राजधानी शिमला व आसपास 38 और कुल्लू जिले में इस मानूसन में 30 से ज्यादा मौते हुई हैं। मंडी व कुल्लू सबसे अधिक प्रभावित हैं।

सार्वजनिक संपत्ति को 3,787 करोड़ से अधिक का नुकसान

सार्वजनिक संपत्ति को हुए कुल नुकसान का अनुमान 3,787 करोड़ रुपए से अधिक है, जिससे लोक निर्माण विभाग का बुनियादी ढांचा, बिजली वितरण नेटवर्क, और जल शक्ति जलापूर्ति प्रणालियां प्रभावित हुई हैं। निजी संपत्ति को हुए नुकसान में 415 पूरी तरह क्षतिग्रस्त घर हैं। वहीं 597 घरोंको आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 1210 से ज्यादा गौशालाएं व झोपड़ियां तथा 28 व्यावसायिक संरचनाएं शामिल हैं।

बिजली और पेयजल बहाल करने को प्राथमिकता

एसडीएमए ने जिला प्रशासन से संपर्क, बिजली और पेयजल बहाल करने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। जनता को सतर्क रहने, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा से बचने और मौसम संबंधी सलाह का पालन करने की सलाह दी गई है।
चंबा जिले में, मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे लगभग 350 तीर्थयात्रियों को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा भरमौर से चंबा पहुंचाया गया। बिलसापुर में, भूस्खलन से घरों को नुकसान पहुँचने के बाद बनाली गांव में 14 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

मणिमहेश यात्रा में 17 तीर्थयात्रियों की मौत

15 अगस्त को मणिमहेश यात्रा शुरू हुई थी और इसके बाद से 17 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग भूस्खलन व अचानक आई बाढ़ के कारण संपर्क से कटे हुए इलाकों में फंसे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और अवरुद्ध सड़कों को फिर से खोलने और संपर्क बहाल करने के निर्देश जारी किए।

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