बार्डर पर चकिंग के बाद गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री
Haryana High Alert, (आज समाज), चंडीगढ़: सोमवार शाम को दिल्ली में हुए ब्लास्ट में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्लास्ट के बाद हरियाणा पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है। दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे हरियाणा में हाईअलर्ट जारी किया गया है। पुलिस कर्मियों की छुट्टिया कैंसिल कर दी गई है। कर्मचारियों और अधिकारियों को कहा गया है कि जिले से बाहर जाने से पहले परमिशन जरूर लें।

बार्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रत्येक गाड़ी की चेकिंग की जा रही है। चेकिंग के बाद ही गाड़ियों को दिल्ली में एंट्री दी जा रही है। सभी एसएचओ, सीआईए यूनिट व अन्य आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने वाली टीमों को अलर्ट किया गया है। हर जिले में पुलिस की ओर से नाके लगाए गए है। वाहनों की चेकिंग के बाद ही उन्हें आगे जाने दिया जा रहा है।

डीजीपी की अपील, कोई संदिग्ध व्यक्ति या लावारिस वस्तु दिखे तो डायल 112 पर करें सूचित

हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने एक्स पर लिखा, दिल्ली की घटना को लेकर हरियाणा हाई अलर्ट पर है। लोगों से अनुरोध है कि शांत रहें। कोई संदिग्ध व्यक्ति या लावारिस वस्तु दिखे तो डायल 112 पर सूचित करें। सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने इलाके में मौजूद हैं। इंटर-स्टेट बॉर्डर पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पार्किंग एरिया, होटल और धर्मशाला की भी चेकिंग की जा रही है। एनसीआर जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

दिल्ली में जिस कार में ब्लास्ट हुआ वह गुरुग्राम के मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड

वहीं जानकारी सामने आई है कि दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जिस कार में ब्लास्ट हुआ वह हरियाणा नंबर (एचआर 26-सीई 7674) की है। यह कार गुरुग्राम आरटीओ में मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड है। कार के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से मिले एड्रेस के बाद गुरुग्राम पुलिस उसे ढूंढते हुए शांति नगर पहुंची। यहां मकान मालिक ने बताया कि सलमान 5 साल पहले जा चुका है। अब वह सोहना की एक सोसाइटी में रहता था। पुलिस उस सोसाइटी पहुंची तो सलमान सोता मिला। पूछताछ में उसने बताया कि डेढ़ साल पहले उसने यह कार आगे बेच दी थी। फिलहाल पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले रखा है।

ग्लास कंपनी में काम करता है सलमान

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मोहम्मद सलमान ग्लोबल हाइट्स सोसाइटी में मकान नंबर 631/12 में अपनी पत्नी और 3 बेटियों के साथ रहता है। वह एक ग्लास कंपनी में काम करता है। पुलिस ने सलमान से कार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि डेढ़ साल पहले उसने यह कार आगे बेच दी थी। उसने खरीद-फरोख्त से संबंधित कागजात भी दिखाए। हालांकि, अभी यह कन्फर्म नहीं है कि आगे यह कार किस-किस के पास गई।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में

दिल्ली से सटे फरीदाबाद के धौज व फतेहपुर तगा इलाके में दो घरों से 2900 किलो विस्फोटक मिलने के मामले की तहें खुलने लगी हैं। यह पूरी साजिश व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा है। जिसमें समाज के ऐसे चेहरों का इस्तेमाल होता है, जिन पर आमतौर पर शक नहीं किया जा सकता। केस में डॉ. आदिल अहमद राठर, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुजम्मिल शकील और लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी की पुलिस पुष्टि कर चुकी है। तीनों ही डॉक्टरों के तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि यह यूनिवर्सिटी गल्फ फंडिंग से बनी है।

करीब 15 दिन पहले भेजी गई थी अमोनियम नाइट्रेट की खेप

शुरूआत में आरडीएस की आशंका थी, लेकिन फोरेंसिक जांच में अमोनियम नाइट्रेट की पुष्टि हुई। बाद में मुजम्मिल की निशानदेही पर फतेहपुर तगा गांव में मस्जिद के मौलाना इस्तियाक के घर से अतिरिक्त 2563 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ, जिसे दिहाड़ी मजदूरों के घर में छिपाया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमोनियम नाइट्रेट की खेप मुजम्मिल को गिरफ्तारी से करीब 15 दिन पहले भेजी गई थी, जिसका मकसद बड़े आतंकी षड्यंत्र के तहत आईईडी असेंबल करना था।

लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करती थीं लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद

लखनऊ की लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर बताई जा रही है और मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील की सहयोगी व कथित गर्लफ्रेंड है। शाहीन लखनऊ के लालबाग इलाके की निवासी है। उनकी हरियाणा रजिस्टर्ड स्विफ्ट डिजायर कार को डॉ. मुजम्मिल नियमित इस्तेमाल करता था।

पुलिस के अनुसार, शाहीन जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा थीं। वह लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करती थीं, जैसे विस्फोटक ट्रांसपोर्ट और हथियार छिपाना। उनकी गिरफ्तारी डॉ. मुजम्मिल और डॉ. आदिल अहमद राथर की पूछताछ से मिले क्लू पर हुई। शाहीन को हवाई जहाज से श्रीनगर ले जाया गया, जहां कस्टोडियल इंटरॉगेशन जारी है।

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