आज हाईकोर्ट में जवाब दाखिल नहीं कर पाई पंजाब सरकार, कोर्ट से मांगा समय

Punjab-Haryana Water Dispute (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के विवाद को लेकर बनी स्थिति ज्यों की त्यों है। हालांकि इन दो पड़ौसी राज्यों के बीच पानी को लेकर समन्वय बनाने के लिए हाईकोर्ट भी लगातार प्रयास कर रहा है। लेकिन अभी कोई भी रास्ता निकलता दिखाई नहीं दे रहा। आज मंगलवार को चंडीगढ़ हाईकोर्ट में दोनों प्रदेशों के बीच चल रहे जल विवाद पर सुनवाई हुई।

कोर्ट में यह सुनवाई पंजाब सरकार की ओर से दायर समीक्षा याचिका पर की गई। हालांकि इस दौरान केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और बीबीएमबी की तरफ इस मामले में अपना जवाब दाखिल किया गया है। जबकि पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। इस पर कोर्ट सहमति दे दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 मई तय की गई है। दूसरी तरफ, नंगल में जो प्रदर्शन गत 20 दिनों से चल रहा है, वह आज खत्म हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इसमें सीएम भगवंत मान शिरकत कर सकते हैं।

बीबीएमबी चेयरमैन ने दिया हलफनामा

बीबीएमबी चेयरमैन ने हलफनामा दाखिल किया। दरअसल, पंजाब और हरियाणा में कई दिनों से जल विवाद चल रहा था। इसी बीच, आठ मई को बीबीएमबी चेयरमैन पानी छोड़ने के लिए भाखड़ा पहुंच गए थे। वहां पर लोगों और आप नेताओं ने पानी छोड़ने से रोक दिया और उन्हें बंधक बना लिया। इसके बाद सीएम भगवंत मान खुद भाखड़ा पहुंच गए थे। उन्होंने कहा था कि जब तक दो मई को केंद्रीय गृह सचिव की अगुआई में हुई मीटिंग के आदेश उन्हें नहीं दिए जाते, तब तक वे पानी नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान बीबीएमबी ने इस मामले में एक याचिका दायर की थी। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (इइटइ) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने हलफनामे में बताया कि पंजाब पुलिस ने उन्हें और उनके अधिकारियों को डैम संचालन में बाधित किया।

पंजाब पहले ही कर चुका स्थिति स्पष्ट

पानी विवाद में पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बीबीएमबी में साठ प्रतिशत हिस्सा पंजाब का है। इसलिए इसके पानी पर सबसे पहला हक पंजाब का ही है। मान यह स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश के किसानों और लोगों के हिस्से के पानी की एक भी बूंद किसी को नहीं दी जाएगी।

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